Monday Puja Tips: सोमवार के दिन ऐसे प्राप्त करें शिव जी की कृपा, बढ़ेगा यश और धन
सोमवार के दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं। उनकी पूजा से सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए सुबह उठकर भगवान शंकर का ध्यान करें। इसके बाद शिव जी का अभिषेक करें। फिर शिव जी के रुद्राष्टकम स्तोत्र (Rudrashtakam Stotram Lyrics in Hindi) का पाठ एक लय में करें। इससे जीवन में खुशहाली आएगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन शंकर भगवान की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। ऐसे में सुबह उठकर भगवान शंकर का ध्यान करें। इसके बाद उनका गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें। उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं। सफेद मदार और आक के फूल अर्पित करें। फिर एक दीपक जलाएं और खीर का भोग चढ़ाएं।
फिर शिव जी के रुद्राष्टकम स्तोत्र (Rudrashtakam Stotram Lyrics in Hindi) का पाठ करें। अंत में आरती से पूजा को पूर्ण करें। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही शिव कृपा प्राप्त होगी।
।।शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र ।।(Rudrashtakam Stotram Lyrics in Hindi)
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।करालं महाकालकालं कृपालं ।गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।यह भी पढ़ें: Ahoi Ashtami 2024: कब और क्यों मनाई जाती है अहोई अष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग