हम भारतीयों की ये छोटी-छोटी आदतें, जो हमें औरों से बनाती हैं अलग
हम भारतीय हर एक परंपरा को बखूबी निभाना जानते हैं। इन्हीं परंपराओं में से कुछ ऐसी है जो लगती तो बेकार है लेकिन यहीं हमें औरों से अलग खड़ा कर देती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में।
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Thu, 29 Dec 2022 04:14 PM (IST)
नई दिल्ली: भारतीय संस्कृति और सभ्यता की कद्र पुरी दुनिया करती है। दुनियाभर के लोग भारत के खान पान, रहन -सहन से लेकर आदर सत्कार तक को काफी पसंद करते हैं। लेकिन भारतीयों की कई ऐसी आदते हैं, जो परंपरा, आदर सत्कार के रूप में सदियों से चली आ रही हैं। आमतौर पर इन परंपराओं को आज भी हम नाक-मुंह सिकोड़कर अपना ही लेते हैं। क्योंकि इन चीजों को लेकर हमारे बुजुर्गों की भावनाएं ही नहीं बल्कि धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। ऐसे ही रोजमर्रा की जिंदगी के कुछ ऐसे उदाहरण दे रहे हैं, जो देखने में तो मामूली लगते हैं, लेकिन यहीं चीजें हमारे दुनिया से अलग भी बनाती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक सामान के आने पर
विदेशों की बात करें, तो घर में इलेक्ट्रॉनिक सामान आता है, तो उसके आते ही उसे खोलकर इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन भारतीयों की बात करें, तो छोटी से लेकर बड़ी इलेक्ट्रॉनिक सामान को इस्तेमाल करने से पहले अपने इष्टदेव का नाम लेते हुए सिंदूर, रोली आदि से स्वास्तिक, ऊँ आदि का चिन्ह बनाते हैं। इसके बाद ही इस्तेमाल करते हैं।शुभ काम में जाने के लिए
विदेशों में जब कोई घर का सदस्य किसी अच्छे काम जैसे एग्जाम, इंटरव्यू या फिर किसी अन्य काम के लिए जा रहा होता, तो सिर्फ शुभकामनाएं देते हैं। लेकिन भारत की बात करें, तो घर से निकलने से पहले उसे दही-चीनी खिलाते हैं। इसके साथ ही माथे में तिलक लगाने के साथ आशीर्वाद और शुभकामनाएं देते हैं।
नया वाहन खरीदने पर
अब विदेशों में कार, मोटरसाइकिल, बस आदि खरीदते है, तो विभिन्न तरह के डेकोरेशन का सामान, परफ्यूम जैसी चीजों को रखते हैं। लेकिन भारतीयों की बात करें, तो वह गाड़ी की पहली राइड लेने से पहले नारियल फोड़ने, नींबू के ऊपर से टायर निकालते हैं। इतना ही नहीं गाड़ी में देवी-देवता का मूर्ति, अंदर के शीशे में लाल चुनरी, भगवान संबंधी लॉकेट, नजर बट्टू तक लगा लेते हैं, जिससे कि हर तरह की दुर्घटना से बचे रहें।