ऊर्जा: संघर्ष से सफलता- जीवन में कठिन संघर्ष से ही सफलता का शंखनाद किया जा सकता है
हम अपने जीवन को कठिन संघर्षों के साथ ही स्वर्ण सदृश बना सकते हैं। कठिन संघर्ष हमारे व्यक्तित्व में सोने सा निखार व चमक पैदा कर देता है। संघर्ष से ही हम वह बन पाते हैं जो हमारी नियति ने हमारे लिए तय किया होता है।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 01 Sep 2021 03:45 AM (IST)
जीवन में कठिन संघर्ष से ही सफलता का शंखनाद किया जा सकता है। यदि हम कार्य में होने वाले संघर्ष को देखकर अपने हाथ पीछे कर लें तो हम लक्ष्य तक कभी नहीं पहुंच सकते। कठिन परिस्थितियों में विवेकपूर्ण निर्णयों के साथ ही सफलता संभव है। संघर्ष का दौर जब समाप्त होता है, उसके बाद से ही सफलता का युग आरंभ होता है। संघर्ष हमारे भीतर सफलता प्राप्त करने के लिए उत्कट भाव पैदा करता है। यह हमें कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित करता है। संघर्ष को स्वीकार कर ही सफलता के मार्ग पर अग्रसर हुआ जा सकता है। जीवन में अनेकों बाधाएं आती हैं, परंतु यदि हमारे मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो, अपने कार्य के प्रति लगन हो तो हम बाधाओं के बीच से भी सफलता का कोई न कोई मार्ग ढूंढ ही लेते हैं। हमारे संघर्ष की गाथा के लेखक हम स्वयं हैं। यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपने संघर्ष को कैसे स्वीकार कर रहे हैं। यदि हम नकारात्मकता में डूब गए तो कभी संघर्ष नहीं कर पाएंगे। कभी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे। हमें सकारात्मक दृष्टि से ही संघर्ष करना चाहिए। यह सकारात्मक दृष्टि ही हमारे कठिन संघर्ष को सरल कर देती है।
मधुमक्खी कठिन संघर्ष का जीवंत पर्याय है। वह छोटी सी काया अपने जीवनपर्यंत संघर्ष को स्वीकार करती है। अनुशासित तरीके से संघर्ष कर जीवन जीने की कला हमें मधुमक्खी से सीखनी चाहिए। वह दिन भर कठिन यात्राएं कर मधु इकठ्ठा करती है। उसका संघर्ष दिन खुलते ही प्रारंभ हो जाता है। हमें भी अपने जीवन में मधुमक्खी से सीख लेनी चाहिए। प्रबल चुनौतियां भी परास्त की जा सकती हैं। हमें जीवन में कठिन संघर्ष का स्वागत करना चाहिए। जब चुनौतियां आती हैं, उसके बाद से ही संघर्ष प्रारंभ होता है। हम अपने जीवन को कठिन संघर्षों के साथ ही स्वर्ण सदृश बना सकते हैं। कठिन संघर्ष हमारे व्यक्तित्व में सोने सा निखार व चमक पैदा कर देता है। संघर्ष से ही हम वह बन पाते हैं जो हमारी नियति ने हमारे लिए तय किया होता है।
- ललित शौर्य