Ravi Pradosh Vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत पर दुर्लभ सुकर्मा योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा दोगुना फल
शिव पुराण में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) की महिमा का वर्णन है। प्रदोष व्रत करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। रवि प्रदोष व्रत करने से साधक को जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल होता है। इस शुभ अवसर पर आत्मा के कारक सूर्य देव की भी पूजा की जाती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 02 Sep 2024 07:37 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर को प्रदोष व्रत है। रविवार के दिन पड़ने के चलते यह रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा। यह पर्व हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति के निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाता है। रवि प्रदोष व्रत करने से करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। साथ ही साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो रवि प्रदोष व्रत पर दुर्लभ सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, कई अन्य मंगलकारी शुभ योग भी बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, रवि प्रदोष व्रत तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अगस्त को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी और 16 सितंबर को देर रात 12 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में होती है। इसके लिए 15 सितंबर को रवि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। रवि प्रदोष व्रत पर पूजा हेतु शुभ समय संध्याकाल 06 बजकर 26 मिनट से रात 08 बजकर 46 मिनट तक है।प्रदोष व्रत शुभ योग (Sukarma Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो रवि प्रदोष व्रत पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 15 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 15 मिनट से हो रहा है। वहीं, सुकर्मा योग का समापन 16 सितंबर को सुबह 11 बजकर 42 मिनट पर होगा।