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Surya Arghya: ये लोग सूर्य को न चढ़ाएं जल, वरना बढ़ सकती हैं जीवन की परेशानियां

हिंदू धर्म में अन्य देवी-देवताओं की तरह सूर्य देव की भी पूजा का विधान है। रोजाना सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। लेकिन ऐसा माना गया है कि कुछ लोगों को सूर्य को जल अर्पित नहीं करना चाहिए वरना उनके जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चलिए जानते हैं इस विषय में।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 28 Jun 2024 04:55 PM (IST)
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Surya Dev: ये लोग सूर्य को न चढ़ाएं जल
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। साथ ही यह भी माना गया है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने पर व्यक्ति को जीवन में अपार धन-संपदा की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, रोजाना सूर्य देव जल को जल अर्पित करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत हो सकती है। लेकिन कुछ ऐसा भी लोग हैं, जिन्हें सूर्य देव को जल देने की मनाही है। आइए जानते हैं कि वह लोग कौन हैं?

ये लोग न चढ़ाएं जल

बिना स्नान के कभी भी सूर्य देव को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही किसी व्यक्ति के परिवार सूतक लगा हो तब भी उसे सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए। घर में किसी का जन्म होने या फिर मृत्यु होने की स्थिति में सूतक लगता है। यदि कोई व्यक्ति भीषण रोग से पीड़ित है, जिस कारण वह सूर्य अर्घ्य देने में असमर्थ है, तो ऐसी स्थिति में भी सूर्य को जल न दें। वहीं अगर कोई स्त्री रजस्वला है, तो उसे भी अर्घ्य देने से बचना चाहिए।

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सूर्य को अर्घ्य देने की विधि (Surya puja Vidhi)

सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इसके बाद स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद एक लोटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन, लाल फूल, कुमकुम और अक्षत आदि डाल दें। सूर्य अर्घ्य के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना बेहतर माना जाता है। इसके बाद सूर्य की ओर मुख करके दोनों हाथ से तांबे के पात्र पकड़ें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस दौरान ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।