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Surya Dev Puja: कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर मिल सकते हैं ये संकेत, मजबूती के लिए करें ये उपाय

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ग्रहों की स्थिति का प्रभाव व्यक्ति के मनुष्य पर भी सकारात्मक या नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है तो उसे जीवन में कुछ संकेत मिल सकते हैं। ऐसे में आप इन्हें नजरअंदाज न करें बल्कि सूर्य की मजबूती के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 04 May 2024 10:00 PM (IST)
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Surya ke Upay कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya ke Upay: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। साथ ही यह भी माना गया है कि  कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने पर, जातक को जीवन में धन-संपदा की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विधान है। इससे जीवन में कई तरह के लाभ देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति को क्या उपाय करने चाहिए।

ये है संकेत

ऐसा माना गया है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति की इच्छा शक्ति भी कमजोर होने लगती है। इतना ही नहीं, व्यक्ति को हर कार्य में असफलता ही हाथ लगती है। वहीं, अगर कई कोशिशों के बाद भी आपके काम पूरे नहीं हो रहे हैं, तो यह भी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होने का संकेत हो सकता है।

बढ़ सकती है परेशानी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उसमें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। जिस कारण वह व्यक्ति दूसरों की सलाह के बिना कोई काम नहीं कर पाता। इसके साथ ही स्वास्थ्य समस्याएं भी व्यक्ति को घर लेती हैं। ज्योतिष शास्त्र में यह भी माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उसके अपने पिता से संबंध बिगड़ने लगते हैं। साथ ही व्यक्ति को पितृ दोष का सामना भी करना पड़ सकता है।

कर सकते हैं ये उपाय

कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करते समय उसमें लाल फूल मिलाकर अर्घ्य दें। इसके दौरान मन-ही-मन ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का जाप भी करते रहें। यदि संभव हो तो इस मंत्र का जाप कम-से-कम 108 बार करें। ऐसा करने से आपको स्थिति में लाभ देखने को मिलेगा।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'