Surya Dev: इसलिए सूर्य देव के रथ में होते हैं 7 घोड़े, आपके जीवन से है गहरा संबंध
Surya Dev Puja Niyam हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को अर्घ्य देने से साधक को कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है। साथ ही सूर्य को अर्घ्य देने से जातक को बल बुद्धि और विद्या की भी प्राप्ति होती है। आपने गौर किया होगा कि सूर्य देव सात घोड़ों वाले रथ पर आसीन रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस रथ से जुड़ी खास बातें।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 12 Dec 2023 11:32 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Dev Puja: सनातन धर्म सूर्य देव को भी पूजनीय माना गया है। साधकों द्वारा प्रतिदिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो साधक रोजाना सूर्य देव की पूजा करके उन्हें जल अर्पित करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जिस प्रकार प्रत्येक देवी-देवता का एक विशेष वाहन होता है ठीक उसी प्रकार सूर्य देव रथ पर सवार होते हैं, जिसमें 7 घोड़े जुते हुए होते हैं। आइए जानते हैं इस सात घोड़ों का महत्व।
यह हैं सूर्य के सात घोड़े
सूर्य देव के रथ में लगे सात घोड़ो का नाम इस प्रकार है - गायत्री, वृहति, उष्णिक, जगति, त्रिष्टुप, अनुष्टुप और पंक्ति। यह घोड़े सफेद रंग के और देखने में बहुत ही सुंदर होते हैं।
ये है 7 घोड़ों का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस सात घोड़ो का संबंध सप्ताह के सात दिनों से माना गया है। इसके अलावा, यह भी माना गया है कि सूर्य देव के रथ में जुते सात घोड़े इन्द्रधनुष के सात रंगों को भी दर्शाते हैं। वहीं, सूर्य की किरणों में 7 तरह की रौशनी पाई जाती है, जिन्हें यह 7 घोड़े दर्शाते हैं।यह भी पढ़ें - Makar Sankranti 2024: जनवरी में इस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए महत्व और शुभ मुहूर्त
रथ से जुड़ी अन्य रोचक बातें
सूर्य देव के रथ के सारथी अरुण देव हैं जो भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के भाई हैं। सूर्य के रथ में केवल एक ही पहिया है जिसे संवत्सर कहा जाता है। इस पहिये में 12 तीलियां लगी हुई है, जो साल के 12 महीनों को दर्शाती हैं। इस रथ का एक सिरा मानुषोत्तर पर्वत पर तो दूसरा सिरा मेरु पर्वत पर स्थित माना गया है। शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है, कि सूर्य देव का रथ का विस्तार नौ हजार योजन है।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करेंडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'