Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, बुरे परिणामों से होगा बचाव
ज्योतिष पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या तिथि पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को लगता है। ग्रहण के दौरान राहु का असर पृथ्वी पर अधिक बढ़ जाता है। इसी वजह से ग्रहण के समय पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। चलिए जानते हैं सूर्य ग्रहण के बुरे परिणामों से बचाव के लिए किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Grahan Niyam: धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण को एक अशुभ घटना के रूप में देखा जाता है। साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी 08 अप्रैल, 2024 को लगेगा। चलिए आपको इस आर्टिकल में बताएंगे यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं। साथ ही जानते हैं सूर्य ग्रहण के बुरे परिणामों से बचाव के लिए किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सूर्य ग्रहण की अवधि (Solar Eclipse 2024 Timings)
भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 08 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन रात 01 बजकर 20 मिनट पर होगा। इस सूर्य ग्रहण अवधि 4 घंटे 25 मिनट की होगी। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दर्शनीय नहीं होगा। इसलिए सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां बरती जा सकती हैं, जिससे आप बुरे परिणामों से बचे रहें।
कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
हालांकि सूर्य ग्रहण भारत और पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल आदि में नहीं दिखाई देगा। लेकिन मुख्य रूप से कनाडा, मेक्सिको, अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक और आर्कटिक में दिखाई देने वाला है।इन बातों का रखें ध्यान
सूर्य ग्रहण के समय घर से बाहर निकलना शुभ नहीं माना जाता विशेष रूप से ग्रहण के दौरान, गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। वहीं सूर्य ग्रहण को कभी भी बिना किसी उपकरण के सीधा आंखों से नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के दौरान सुई-धागे से जुड़ा कोई काम भी नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय मंदिर में रखी मूर्ति को स्पर्श करना या फिर पूजा करना भी अशुभ माना जाता है। इसी के चलते ग्रहण के दौरान कई मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'