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Surya Mahadasha Effect: 6 साल चलती है सूर्य की महादशा, इन लोगों को जीवन में मिलता है हर मुकाम

Surya Mahadasha Effect ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य की महादशा कई लोगों के जीवन में खुशियां ही खुशियां ला देती हैं। समाज में मान-सम्मान के साथ बुलंदी को छूते हैं। इसके साथ ही सरकारी नौकरी मिलने के आसार अधिक होते है।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Tue, 14 Feb 2023 05:12 PM (IST)
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Surya Mahadasha Effect: 6 साल चलती है सूर्य की महादशा, इन लोगों को जीवन में मिलता है हर मुकाम
नई दिल्ली, Surya Mahadasha Effect: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह के राशि परिवर्तन से लेकर उनकी महादशाओं का अहर हर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। कई लोगों को महादशा का शुभ फल प्राप्त होता है, तो कई लोगों के जीवन से मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं लेती है। ऐसे ही ग्रहों के राजा सूर्यदेव की बात करें, तो इस ग्रह की महादशा पूरे 6 साल की होती है। जानिए सूर्य की महादशा के बारे में सबकुछ।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य की महादशा पूरे 6 साल की होता है। सूर्यदेव सिंह राशि के स्वामी है। इसके साथ ही सूर्य मेष राशि में उच्च और तुला राशि में नीच माने जाते हैं। ऐसे में सूर्य की महादशा होने पर व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ-साथ करियर में ऊंची उड़ान भरते हैं। इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान और बिजनेस में बढ़ोतरी होती है।

सूर्य की महादशा का प्रभाव

कुंडली में हो सूर्य की स्थिति शुभ

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ है, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हर इच्छा पूरी होती है। अगर सूर्य अपनी मित्र राशियों में उच्च होता है, तो जातकों को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। लंबे समय से रुके काम पूरे होते हैं और बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक पद की तैयारी कर रहे जातकों को जल्द सफलता हासिल होती है।

कुंडली में सूर्य की स्थिति हो अशुभ

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति अशुभ है, तो व्यक्ति के स्वभाव पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे व्यक्ति अधिक क्रोधी होने के साथ अंहकारी होते हैं। इसके साथ ही इन लोगों के पिता के साथ संबंध अच्छे नहीं होते हैं। इसके साथ ही सूर्य की स्थिति खराब होने के कारण हद्य और आंख संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

सूर्य की महादशा के उपाय

  • रोजाना भगवान सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर अर्घ्य करना चाहिए।
  • रविवार का दिन भगवान सूर्य से संबंधित है। इसलिए रविवार के दिन गेहूं और तांबा का दान करें।
  • रविवार को सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ पीपल के पेड़ में भी जल चढ़ाएं। इसके साथ ही शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • नियमित रूप से आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करना लाभकारी सिद्ध होगा।
  • सूर्य की महादशा में जातक नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करें-
ॐ रं रवये नमः

ॐ घृणी सूर्याय नम:

  • सूर्य की महादशा में जातक को रविवार के दिन तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन मिलाकर सूर्य को अर्ध्य दें। इसके साथ ही सूर्य स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'