भारतीय दर्शन के संवाहक थे स्वामी दयानंद
वैश्विक फलक पर वेदांत और उपनिषदों का साढ़े पांच दशक तक प्रचार-प्रसार करने वाले संत स्वामी दयानंद सरस्वती का महाप्रयाण किसी गहरे आघात से कम नहीं है। भारतीय दर्शन और वेदों के महत्व को विश्व के सामने सहज और सरलता के साथ रखने वाले इस संत के अनुयायियों में देश
By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Thu, 24 Sep 2015 02:39 AM (IST)
ऋषिकेश, जागरण संवाददाता। वैश्विक फलक पर वेदांत और उपनिषदों का साढ़े पांच दशक तक प्रचार-प्रसार करने वाले संत स्वामी दयानंद सरस्वती का महाप्रयाण किसी गहरे आघात से कम नहीं है। भारतीय दर्शन और वेदों के महत्व को विश्व के सामने सहज और सरलता के साथ रखने वाले इस संत के अनुयायियों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही बॉलीवुड, हॉलीवुड, राजनीति, शिक्षा, समाज सेवा और आध्यात्म जगत से जुड़ी हस्तियां भी शामिल रही हैं।
देश के सुदूर तमिलनाडु में स्थित तिरुवरर जिले के मंजाकुटी गांव में गोपाला अय्यर और बाल अंबाल अय्यर के घर 15 अगस्त, 1930 को स्वामी दयानंद सरस्वती ने जन्म लिया। माता-पिता ने अपनी इस दूसरी संतान का नाम जी नटराजन रखा। स्वामी दयानंद का बचपन से ही आध्यात्म की ओर झुकाव था। दिव्य जीवन संघ के संस्थापक डॉ. शिवानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती से उन्होंने 1962 में शिवरात्रि के दिन चेन्नई में दीक्षा लेकर संन्यास ग्रहण किया। इसके बाद वे स्वामी दयानंद सरस्वती कहलाए।महामंडलेश्वर के पद से विभूषित स्वामी दयानंद सरस्वती से 1991 में नरेंद्र मोदी ने यहां आकर वेदांत का ज्ञान लिया। स्वामीजी ने ऋषिकेश, अमेरिका, तमिलनाडु और नागपुर में चार शिक्षण केंद्रों की स्थापना की। इनमें वेदांत, उपनिषद, गीता, ब्रह्मसूत्र का ज्ञान दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमन, मशहूर सिने अभिनेता रजनीकांत भी उनके अनुयायियों में शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी स्वामीजी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व संघ प्रमुख केसी सुदर्शन, वर्तमान संघ प्रमुख मोहन भागवत, विश्व ङ्क्षहदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल सहित कई नाम स्वामीजी के अनुयायियों की सूची में शुमार हैं।
स्वामी दयानंद के उल्लेखनीय कार्य* स्वामी दयानंद सरस्वती को वर्ष 2005 में इकॉनामिक और सोशल काउंसिल के लिए यूनाइटेड नेशन ने इको- सोशियो अवार्ड से नवाजा।
* स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्रह राज्यों में अस्सी छात्रावासों की स्थापना की। * स्वामी दयानंद सरस्वती ने दस करोड़ आदिवासियों का सामाजिक उत्थान किया। * करुप्पा और हैदराबाद (दक्षिण भारत) में विकलांग बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना की।