Move to Jagran APP

Swami Dayanand Saraswati Jayanti: स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर पढ़ें उनके अनमोल विचार

Swami Dayanand Saraswati Jayanti आज 12 फरवरी है आज स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती है। इनका जन्म 12 फरवरी 1824 को तनकारा में हुआ था। स्वामी दयानंद सरस्वती आर्य समाज के संस्थापक महान चिंतक समाज-सुधारक और देशभक्त थे। आइए पढ़ते हैं स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 12 Feb 2021 01:19 PM (IST)
Hero Image
Swami Dayanand Saraswati Jayanti: स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर पढ़ें उनके अनमोल विचार
Swami Dayanand Saraswati Jayanti: आज 12 फरवरी है आज स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती है। इनका जन्म 12 फरवरी 1824 को तनकारा में हुआ था। स्वामी दयानंद सरस्वती आर्य समाज के संस्थापक, महान चिंतक, समाज-सुधारक और देशभक्त थे। समाज में इनके योगदान की बात करें तो इन्होंने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने में एक अहम भूमिका निभाई थी। इन्होंने ही सन् 1876 में स्वराज के लिए भारत के लिए भारतीयों यानी India For Indians को शुरू किया था जिसे बाद में लोकमान्य तिलक द्वारा चलाया गया। स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को सर्वोच्च माना। साथ ही वेदों का प्रमाण देते हुए समाज में कई कुरीतियों का कड़ा विरोध भी किया। आज इनकी जयंती के अवसर पर आइए पढ़ते हैं स्वामी दयानंद सरस्वती के अनमोल विचार।

1. नुकसान से निपटने में सबसे जरूरी चीज है उससे मिलने वाले सबक को ना भूलना। वो आपको सही मायने में विजेता बनाता है।

2. इंसान को दिया गया सबसे बड़ा संगीत यंत्र आवाज है।

3. कोई मूल्य तब मूल्यवान है जब मूल्य का मूल्य स्वंय के लिए मूल्यवान हो।

4. आप दूसरों को बदलना चाहते हैं ताकि आप आजाद रह सकें लेकिन, ये कभी ऐसे काम नहीं करता। दूसरों को स्वीकार करिए और आप मुक्त हैं।

5. गीत व्यक्ति के मर्म का आह्वान करने में मदद करता है और बिना गीत के मर्म को छूना मुश्किल है।

6. अगर आप पर हमेशा ऊंगली उठाई जाती रहे तो आप भावनात्मक रूप से अधिक समय तक खड़े नहीं हो सकते।

7. किसी भी रूप में प्रार्थना प्रभावी है क्योंकि यह एक क्रिया है इसलिए इसका परिणाम होगा। यह इस ब्रह्मांड का नियम है जिसमें हम खुद को पाते हैं।

8. वह अच्छा और बुद्धिमान है जो हमेशा सच बोलता है, धर्म के अनुसार काम करता है और दूसरों को उत्तम और प्रसन्न बनाने का प्रयास करता है।

9. वर्तमान जीवन का कार्य अन्धविश्वास पर पूर्ण भरोसे से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

10. धन एक वस्तु है जो ईमानदारी और न्याय से कमाई जाती है, इसका विपरीत है अधर्म का खजाना।