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Swastik Sign: सुख-समृद्धि के लिए घर की इस दिशा में बनाए स्वस्तिक, यहां जानें सही तरीका

Swastik Sign Benefit हिंदू धर्म स्वस्तिक के चिह्न को बहुत ही शुभ माना गया है। शास्त्रों में इस चिह्न को कल्याण करने वाला बताया गया है। इसके बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। साथ ही यह भी माना गया है कि घर में स्वस्तिक का चिह्न बनाने से व्यक्ति को शिक्षा से लेकर कार्यक्षेत्र तक में लाभ देखने को मिल सकता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 06 Jan 2024 01:17 PM (IST)
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Swastik Sign: वास्तु के अनुसार घर की इस दिशा में बनाए स्वस्तिक।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Swastik Sign importance: सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य से पहले स्वस्तिक का चिह्न आवश्यक रूप से बनाया जाता है। माना जाता है कि घर में सही दिशा और सही ढंग से बनाया गया स्वस्तिक का चिह्न सुख-समृद्धि लेकर आता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वस्तिक को किस दिशा में बनाने से व्यक्ति को लाभ मिल सकता है। 

स्वस्तिक का महत्व

ऋग्वेद में स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीक माना गया है। इसकी चार भुजाएं चार दिशाओं को दर्शाती हैं। स्वस्तिक को मंगल का प्रतीक माना जाता है और यह सौभाग्य को आकर्षित करता है। जिससे व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता। इतना ही नहीं, स्वस्तिक चिह्न बनाने से सभी मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं।

इस दिशा में बनाएं स्वस्तिक

वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वस्तिक का चिह्न ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में बनाना सबसे उत्तम माना जाता है। इसके स्थान पर आप अष्टधातु या तांबे से बना स्वस्तिक का चिह्न भी अपने घर में लगा सकते हैं। इससे भी व्यक्ति के धन लाभ के योग बनते हैं और घर में शुभता आती है।

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बनाने का सही तरीका

स्वस्तिक को चंदन, कुमकुम या हल्दी से बनाना शुभ माना जाता है। स्वस्तिक बनाते समय कभी भी क्रास (X) या प्लस (+) का निशान पहले नहीं बनाना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले स्वस्तिक का दायां भाग बनाएं इसके बाद बायां भाग बनाएं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि भूलकर भी उल्टे स्वस्तिक का निर्माण और प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति को इसके नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

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