Move to Jagran APP

Swastik Sign: हिंदू धर्म में क्या है स्वस्तिक का महत्व, गलत बनाने पर मिलते हैं विपरीत परिणाम

Swastik Sign किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले उस स्थान पर स्वस्तिक का चिन्ह अवश्य बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कोई भी मांगलिक कार्य इस चिह्न के बिना पूरा नहीं होता। अगर आप इस बनाने में गलती करते हैं तो इससे आपको विपरीत परिणाम भी मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म में इसका क्या महत्व है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 07 Jul 2023 09:54 AM (IST)
Hero Image
Swastik Sign हिंदू धर्म में क्या है स्वस्तिक का महत्व।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Swastik Sign: स्वस्तिक का चिह्न एक विशेष चिह्न है जिसे किसी भी शुभ काम की शुरुआत के पहले बनाया जाता है। यह चिह्न कल्याण करने वाला माना जाता है। इसके बिना पूजा का शुभारंभ नहीं होता। हिंदू धर्म शास्त्रों में स्वस्तिक के चिन्ह को विष्णु भगवान का आसन और माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। आइए जानते हैं, क्यों स्वस्तिक चिह्न को माना जाता है अत्यंत शुभ।

सात्विक का महत्व

सनातन धर्म में स्वस्तिक चिह्न को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। स्वस्तिक का चिह्न चारों दिशाओं से मंगल को आकर्षित करता है। स्वस्तिक के चिन्ह को सौभाग्य का सूचक माना गया है। स्वस्तिक चिन्ह को चंदन, कुमकुम या सिंदूर से बनाने पर ग्रह दोष दूर होतें है। साथ ही धन लाभ का योग बनता है। माना जाता है कि घर में स्वस्तिक का चिन्ह बनाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। किसी भी बड़े अनुष्ठान या हवन से पहले स्वस्तिक चिह्न निश्चितरूप से बनाया जाता है। यह चिह्न न केवल शुभता का प्रतीक है, बल्कि इसे बनाने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता। मान्यताओं के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक चिह्न बनाने से व्यक्ति के जीवन में और परिवार सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं, स्वस्तिक चिह्न से सभी मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं। 

बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान

स्वस्तिक की रेखाएं और कोण बिल्कुल सही होने चाहिए। भूलकर भी उल्टे स्वस्तिक का निर्माण और प्रयोग ना करें। अगर आपने स्वस्तिक को उल्टा बना दिया और उसका प्रयोग कर रहे हैं, तो निश्चित रूप से इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि स्वस्तिक का चिह्न बिल्कुल सही बना हो, तभी उसका प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

कैसा होना चाहिए सात्विक

लाल और पीले रंग का स्वस्तिक सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। अगर आप स्वस्तिक को गले में धारण करना चाहते हैं तो यह धारण करना बड़ा शुभ होता है। खासतौर से विद्यार्थी जीवन में अगर स्वस्तिक गले में धारण किया जाए तो इसके पढ़ाई के समय एकाग्रता बनी रहती है। इसलिए अगर आप स्वस्तिक गले में धारण करना चाहते हैं सोने या चांदी का स्वस्तिक धारण कर सकते हैं।

वास्तु दोष के लिए करें ये उपाय

अगर आप वास्तु दोष की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसके लिए आपको घर के मुख्य द्वार पर लाल रंग का स्वस्तिक बनाना चाहिए। लाल रंग का स्वस्तिक लगाने से वास्तु दोष दूर होता है। वाहन में अपने सामने स्वस्तिक बनाना चाहिए। इससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'