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Takshak Kaal Sarp dosh: बेहद खतरनाक होता है तक्षक कालसर्प दोष, पीड़ित जातक जरूर करें ये उपाय

वृषभ राशि में राहु उच्च के होते हैं तो वृश्चिक राशि में नीच के होते हैं। अतः वृषभ राशि के जातकों को राहु हमेशा शुभ फल देते हैं। वहीं केतु धनु राशि में उच्च के होते हैं। अतः धनु राशि के जातकों को केतु हमेशा शुभ और उत्तम फल देते हैं। वर्तमान समय में राहु मीन राशि में विराजमान हैं और केतु कन्या राशि में उपस्थित हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 15 May 2024 02:22 PM (IST)
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Takshak Kaal Sarp dosh: बेहद खतरनाक होता है तक्षक कालसर्प दोष, पीड़ित जातक जरूर करें ये उपाय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Takshak Kaal Sarp dosh: राहु और केतु दोनों मायावी ग्रह हैं। ये हमेशा वक्री चाल चलते हैं। वृषभ राशि में राहु उच्च के होते हैं, तो वृश्चिक राशि में नीच के होते हैं। अतः वृषभ राशि के जातकों को राहु हमेशा शुभ फल देते हैं। वहीं, केतु धनु राशि में उच्च के होते हैं। अतः धनु राशि के जातकों को केतु हमेशा शुभ और उत्तम फल देते हैं। वर्तमान समय में राहु मीन राशि में विराजमान हैं और केतु कन्या राशि में उपस्थित हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में राहु और केतु के मजबूत रहने पर जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। हालांकि, राहु और केतु के संयोग से कालसर्प दोष बनता है। ये कई प्रकार के होते हैं। इनमें एक तक्षक कालसर्प दोष है, जो बेहद खतरनाक माना जाता है। आइए, तक्षक कालसर्प दोष के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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कैसे बनता है तक्षक कालसर्प दोष ?

ज्योतिषियों की मानें तो लग्न भाव में केतु और विवाह भाव में राहु के रहने पर तक्षक कालसर्प दोष बनता है। वहीं, इन दोनों ग्रहों के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रह उपस्थित रहते हैं। इसी प्रकार लग्न में राहु और जीवनसाथी के भाव में केतु के रहने पर अनंत कालसर्प दोष बनता है। यह दोष बेहद खतरनाक माना जाता है।

अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव

तक्षक कालसर्प दोष से पीड़ित जातक के विवाह में बहुत बाधा आती है। कई अवसर पर विवाह के बाद वैवाहिक जीवन में भी परेशानी आती है। ससुराल पक्ष से संबंध टूट जाता है। कारोबार में हानि होती है। बने काम बिगड़ने लगते हैं। कुल मिलाकर कहें तो तक्षक कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है।

उपाय

तक्षक कालसर्प दोष का निवारण अनिवार्य है। इस दोष का निवारण त्र्यंबकेश्वर और महाकालेश्वर मंदिर में करा सकते हैं। इसके अलावा, भगवान शिव या विष्णु के मंदिर में भी कालसर्प दोष का निवारण किया जा सकता है। तक्षक कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए हर मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें। इस समय हनुमान जी को सिंदूर और मोतीचूर के लड्डू अर्पित करें। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। पक्षियों को रोजाना दाना खिलाएं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।