Surya Grahan 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, नोट करें ग्रहण का समय एवं सूतक
धार्मिक मत है कि सर्वपितृ अमावस्या या आश्विन अमावस्या (sarva pitru amavasya 2024) तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर बिहार के गया में बड़ी संख्या में साधक तीन पीढ़ी के पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करते हैं। गया में पिंडदान करने पर पितरों को तत्क्षण मोक्ष मिल जाता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 11 Sep 2024 06:14 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या है। इसे आश्विन अमावस्या भी कहा जाता है। सर्वपितृ अमावस्या पर पितृ पक्ष का समापन होता है। हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितरों की पूजा की जाती है। इसमें पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। धार्मिक मत है कि पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, व्यक्ति विशेष पर पितरों की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) लगाने वाला है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन अमावस्या की तिथि 01 अक्टूबर को रात 09 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगा। इस दिन तर्पण और पिंडदान हेतु मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है।