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Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन 'आयुष्मान' योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग, प्राप्त होगा मां का आशीर्वाद

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्लभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 18 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक है। इस योग में माता रानी की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। साथ ही शुभ काम भी किए जा सकते हैं। आयुष्मान योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 16 Oct 2023 12:32 PM (IST)
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Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन 'आयुष्मान' योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। इस दिन साधक का मन मणिपुर में अवस्थित रहता है। मां की महिमा निराली है। भक्तों का उद्धार करती हैं और दुष्टों का संहार करती हैं। उनकी कृपा से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्लभ आयुष्मान योग समेत 5 शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, योग और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की तृतीया तिथि 18 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 26 मिनट तक है। इसके पश्चात, चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी। इस प्रकार 17 अक्टूबर को दिन भर तृतीया तिथि है।

प्रीति योग

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्लभ प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 09 बजकर 22 मिनट तक है। इस योग में माता रानी की पूजा करने से सुख, समृद्धि और आय में वृद्धि होती है।

यह भी पढ़ें- शारदीय नवरात्रि के दौरान करें मां दुर्गा के 108 नामों का जाप, सभी संकटों से मिलेगी निजात

आयुष्मान योग

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्लभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 18 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक है। इस योग में माता रानी की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। साथ ही शुभ काम भी किए जा सकते हैं। आयुष्मान योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

रवि योग

नवरात्रि के तीसरे दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 23 मिनट तक है। इस योग में मां की पूजा करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

करण

शारदीय नवरात्रि की तृतीया तिथि पर तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष तैतिल और गर करण को शुभ मानते हैं। इन योग में पूजा करने से मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 50 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 47 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 50 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 02 बजकर 58 मिनट से 04 बजकर 24 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 01 बजकर 32 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।