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Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के पांचवें दिन 'सिद्धि' योग समेत बन रहे हैं ये 4 संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

Pitru Paksha 2023 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को मृत्यु लोक में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि और वंश में वृद्धि होती है। वहीं पितरों के अप्रसन्न रहने पर जातक को जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 02 Oct 2023 06:57 PM (IST)
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Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के पांचवें दिन सिद्धि योग समेत बन रहे हैं ये 4 अद्भुत संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह पर्व पितरों को समर्पित होता है। इस दौरान पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है। गरुड़ पुराण में निहित है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों को तर्पण करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष के पांचवें दिन सिद्धि योग समेत 4 शुभ योग बन रहे हैं। आइए, पितृ पक्ष के पांचवें दिन का शुभ मुहूर्त और पंचांग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 04 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक है। अत: दिनभर पंचमी तिथि है।

करण

पितृ पक्ष के पांचवें दिन कौलव करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष कौलव करण को अति शुभ मानते हैं। कौलव करण के बाद तैतिल करण का निर्माण हो रहा है, जो 04 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

पितृ पक्ष के पांचवें दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर संध्याकाल 06 बजकर 04 मिनट तक है।

सिद्धि योग

पितृ पक्ष के पांचवें दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग पूजा-पाठ के लिए शुभ होता है। इस दौरान पितरों को तर्पण करने से सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। सिद्धि योग दिन भर है।

शिव पूजा का सही समय

पितृ पक्ष के पांचवें दिन भगवान शिव दिन भर नंदी पर सवार रहेंगे। अत: साधक किसी समय देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इस दौरान रुद्राभिषेक करने से सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है। साथ ही महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 56 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

अमृत काल - दोपहर 03 बजकर 42 मिनट से शाम 05 बजकर 16 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 03 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 36 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से 01 बजकर 39 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट पर

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।