Pitra Dosh: ये संकेत बताते हैं कि कुंडली में लगा है पितृ दोष, दूर करने के लिए करें ये उपाय
Pitra Dosh अगर आपकी शादी में भी बार-बार बाधा आ रही है या रिश्ता तय होने के बाद टूट जाता है तो आप पितृ दोष से पीड़ित हो सकते हैं। तत्काल प्रकांड पंडित से सलाह लेकर पितृ दोष का निवारण कराएं। इसके पश्चात निश्चित ही आपकी शादी हो जाएगी।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 14 May 2023 02:35 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Pitra Dosh: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। ज्योतिष कुंडली में शुभ और अशुभ ग्रहों की स्थिति ज्ञात कर व्यक्ति की भविष्यवाणी करते हैं। कुंडली में शुभ और अशुभ ग्रहों को दो वर्गों में बांटा गया है। शुभ ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में मंगल ही मंगल होता है। वहीं, अशुभ ग्रहों की युति से कई दोष लगते हैं। इनमें एक पितृ दोष है। पितृ दोष लगने पर व्यक्ति के जीवन में केवल अमंगल होता है। आइए, पितृ दोष के संकेत के बारे में जानते हैं-
- जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष लगता है। उन लोगों की शादी में बाधा आती है। लाख कोशिशों के बावजूद उनकी शादी नहीं हो पाती है। अगर आपकी शादी में भी बार-बार बाधा आ रही है या रिश्ता तय होने के बाद टूट जाता है, तो आप पितृ दोष से पीड़ित हो सकते हैं। तत्काल प्रकांड पंडित से सलाह लेकर पितृ दोष का निवारण कराएं। इसके पश्चात, निश्चित ही आपकी शादी हो जाएगी।- ज्योतिषियों की मानें तो पितृ दोष लगने पर दुर्घटना का खतरा रहता है। आसान शब्दों में कहें तो व्यक्ति को बार-बार दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। इसके लिए पितृ दोष का निवारण अनिवार्य है।
- पितृ दोष लगने से घर में परिवार के सदस्यों के बीच तनाव रहता है। साथ ही परिवार में कोई न कोई सदस्य अवश्य बीमार रहता है। पितरों के नाराज होने से आर्थिक स्थिति चरमरा जाती है।- पितृ दोष से पीड़ित जातक को जल्द नौकरी नहीं मिलती है। वहीं, कारोबार में हानि के भी योग बनते हैं। अगर आप पितृ दोष से पीड़ित हैं, तो तत्काल निवारण कराएं। इसके बाद ही आपके घर में मंगल का आगमन होगा।
- ज्योतिष शास्त्र में निहित है कि पितृ दोष लगने पर दंपत्ति को संतान सुख नहीं प्राप्त होता है। अगर वंश वृद्धि भी होती है, तो योग्य संतान की प्राप्ति नहीं होती है। कई मौके पर जन्म के बाद ही संतान की मृत्यु हो जाती है।
पितृ दोष के उपायपितृ दोष के उपाय - पीपल के पेड़ को जल का अर्घ्य दें।- जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में अर्घ्य दें।- रोजाना सुबह में उठने के बाद दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को प्रणाम करें।- पितृ दोष को दूर करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करें।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'