Sawan Somwar 2024: सावन के तीसरे सोमवार पर करें शिव चालीसा का पाठ, सभी परेशानियों से मिलेगी मुक्ति
पंचांग के अनुसार सावन का तीसरा सोमवार 05 अगस्त (Third Sawan Somwar 2024 Date) को है। सावन सोमवार पर महादेव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर शिव चालीसा का पाठ और विशेष चीजों का दान जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shiv Chalisa Lyrics: पंचांग के अनुसार, महादेव का प्रिय महीना सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो गई है, जिसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस महीने में पड़ने वाले सोमवार को बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन सच्चे मन से शिव जी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। अगर आप भी अपना जीवन सुखमय चाहते हैं, तो सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ करें। इससे जातक की महादेव मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। आइए पढ़ते हैं शिव चालीसा का पाठ।
शिव चालीसा (Shiv Chalisa)
॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥॥ चौपाई ॥जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥यह भी पढें: Sawan 2024: सावन के तीसरे सोमवार पर करें आर्थिक तंगी को दूर करने के उपाय, जल्द दिखेगा असर
अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4मैना मातु की हवे दुलारी ।बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥कार्तिक श्याम और गणराऊ ।या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा ।तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥किया उपद्रव तारक भारी ।देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥तुरत षडानन आप पठायउ ।लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥आप जलंधर असुर संहारा ।सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥किया तपहिं भागीरथ भारी ।पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥वेद माहि महिमा तुम गाई ।अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।जरत सुरासुर भए विहाला ॥कीन्ही दया तहं करी सहाई ।नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥सहस कमल में हो रहे धारी ।कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।कमल नयन पूजन चहं सोई ॥कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥जय जय जय अनन्त अविनाशी ।करत कृपा सब के घटवासी ॥दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।संकट ते मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई ।संकट में पूछत नहिं कोई ॥स्वामी एक है आस तुम्हारी ।आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28धन निर्धन को देत सदा हीं ।जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥शंकर हो संकट के नाशन ।मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय ।सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥जो यह पाठ करे मन लाई ।ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।पाठ करे सो पावन हारी ॥पुत्र होन कर इच्छा जोई ।निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36पण्डित त्रयोदशी को लावे ।ध्यान पूर्वक होम करावे ॥त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥जन्म जन्म के पाप नसावे ।अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥॥ दोहा ॥नित्त नेम कर प्रातः ही,पाठ करौं चालीसा ।तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश ॥मगसर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान ।अस्तुति चालीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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