Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Tortoise Ring: इस एक अंगूठी को पहनने से मिलते हैं जबरदस्त फायदे, जान लें धारण करने के नियम

आपने कई लोगों को हाथ में कछुए की अंगूठी पहनते हुए देखा होगा लेकिन क्या आप इससे होने वाले जबरदस्त फायदों के बारे में जानते हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं कि कछुए की अंगूठी पहनने से आपको क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। लेकिन ये फादये तभी मिलते हैं जब इससे जुड़े कुछ जरूरी नियमों का ध्यान रखा जाए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 05 Sep 2024 04:39 PM (IST)
Hero Image
turtle ring benefits कछुए की अंगूठी को पहनने के नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से कछुए को एक शुभ जीव के रूप में देखा जाता है। कई लोग घर में कछुआं भी पालते हैं, जिससे धन-सम्पदा में कमी नहीं आत है। ऐसे में अगर कछुए के आकार की अंगूठी धारण की जाए, तो इससे आपको जीवन में काफी शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इससे मिलने वाले फायदे और नियम।

मिलते हैं ये लाभ

ऐसा माना जाता है कि कछुए की अंगूठी पहनने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। साथ ही धन लाभ और सफलता प्राप्ति के योग बनने लगते हैं यह अंगूठी नकारात्मक ऊर्जा से भी हमारा बचाव करती है और मानसिक स्थिरता भी प्रदान करती है। ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, कर्क, वृश्चिक, कन्या, और मीन राशि के लोगों को कछुए की अंगूठी पहनना ज्यादा शुभ माना जाता है।

ध्यान रखें ये बातें

चांदी से बनी हुई कछुए की अंगूठी धारण करना ज्यादा बेतरह माना जाता है। कछुए की अंगूठी पहनते समय इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुख आपकी ओर होना चाहिए, इससे धन आपकी ओर आकर्षित होता है। वहीं अंगूठी को सीधे हाथ की मध्यमा या फिर तर्जनी उंगली में धारण करना ज्यादा लाभकारी सिद्ध होता है।

यह भी पढ़ें - Ratna Astrology: ये है मां लक्ष्मी का प्रिय रत्न, धारण करने से नहीं रहती धन की कमी

जरूर करें ये काम

यदि आप कछुए की अंगूठी धारण करना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले इसे दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें। इसके बाद अंगूठी को धन की देवी, मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और श्री सूक्त का पाठ करें। इसके बाद आप कछुए अंगूठी धारण कर सकते हैं।

इस दिन करें धारण

कछुए की अंगूठी को शुक्रवार या फिर गुरुवार के दिन धारण करना सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है, वहीं गुरुवार जगत के पालनहार भगवान विष्णु के लिए समर्पित है। यदि किसी कारण आप ये अंगूठी उतारते हैं, तो दुबारा पहनने से पहले इसे मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और उसके बाद ही पहनें।

यह भी पढ़ें - Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के दौरान अपने आप दिखें ये संकेत, तो समझिए प्रसन्न हैं आपके पूर्वज

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।