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Tarot Card Reading: दीवाली से इन राशियों की बदलेगी फूटी किस्मत, आर्थिक तंगी हो जाएगी दूर

अंक ज्योतिष और टैरो कार्ड रीडर पल्लवी एके शर्मा (Tarot Card Reading) की मानें तो 31 अक्टूबर का दिन 04 मूलांक के जातकों के लिए शानदार रहने वाला है। मायावी ग्रह राहु की कृपा कुछ जातकों पर बरसेगी। उनकी कृपा से मूलांक 04 के जातक सर्वाधिक लाभान्वित होंगे। धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की भी विशेष कृपा बरसेगी।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 31 Oct 2024 10:33 AM (IST)
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Rahu: मायावी ग्रह राहु को कैसे प्रसन्न करें ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 31 अक्टूबर को दीवाली है। यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर लोग घरों को सजा रहे हैं। एक दूसरे को दीवाली की शुभकामनाएं दे रहे हैं। वहीं, संध्याकाल में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाएगी। टैरो विशेषज्ञ पल्लवी एके शर्मा की मानें तो आज का दिन सभी के लिए बेहद शुभ रहने वाला है। कई जातकों को आज धन लाभ होगा। कई जातकों का व्यापार आज दौड़ेगा। आइए जानते हैं -

मूलांक 04

अंक ज्योतिष और टैरो कार्ड रीडर पल्लवी एके शर्मा की मानें तो 04 मूलांक के स्वामी राहु हैं। इसका अभिप्राय यह है कि 04, 13 और 22 तारीख के दिन जन्म लेने वाले जातकों का मूलांक 04 होता है। वर्तमान समय में राहु मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में अगले साल 17 मई तक रहेंगे। इसके अगले दिन राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे।

एंजल सलाह

एंजल की सलाह है कि परम पिता परमेश्वर से जुड़ें। आज दीवाली है और महीने का अंतिम दिन है। अतः आज के दिन दीवाली को सेलिब्रेट करें। इसके साथ ही इस महीने के हर सुखद पल को याद करें। गलतियों से सीखने की कोशिश करें। यह सोचने की कोशिश करें कि दीवाली से वर्ष के अंत तक कैसे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, जीवन में क्या-क्या अचीव किया जा सकता है। दिन का सही प्लान करें। अपनी क्रिएटिविटी को अंजाम दें। संख्या को छोड़कर अपनी काम की गुणवत्ता पर ध्यान दें। टीम की सराहना करें।

क्या करें

आज के दिन 04 मूलांक के जातक बिना रुकें कुछ देर तक यह जरूर दोहराएं। "मैं स्वस्थ, समृद्ध और परमेश्वर का पुत्र हूं।।"

उपाय

  • ॐ सुभद्राय नमः।
  • ॐ गं गणपतये नमः।
  • ॐ नमः शिवाय।
  • ॐ हुं हनुमते नमः।
  • ॐ श्री गुरवे नमः।
  • श्रीं।
  • ॐ गं गणपतये नमः।
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:।
  • हुनमान चालीसा का पाठ करें।

मां लक्ष्मी के मंत्र

  • ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
  • ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः
  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
  • ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।