Move to Jagran APP

Tripura Sundari Temple: तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है यह देवी धाम, दर्शन मात्र से बनते हैं सभी बिगड़े काम

मां दुर्गा के सबसे सुंदर स्वरूप को त्रिपुर सुंदरी के नाम से जाना जाता है। इस धाम में एक बार दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस पवित्र स्थल में भव्य मेले का आयोजन भी होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में जो लोग सच्चे भाव से आते हैं मां (Tripura Sundari Temple) उन्हें कभी निराश नहीं करती हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 14 Oct 2024 11:36 AM (IST)
Hero Image
Tripura Sundari Temple: 51 महापीठों में से है एक त्रिपुर सुंदरी मंदिर।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्वोत्तर राज्य में मां दुर्गा के सबसे सुंदर स्वरूप का मंदिर विराजमान हैं, जिसकी चर्चा हर नगर और क्षेत्र तक फैली हुई है। इस देवी धाम को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां पर भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही उन्हें सुंदर और रोगमुक्त काया की प्राप्ति होती है। जो लोग किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान हैं, जिसे देखकर उन्हें लगता है कि इसका निदान मुश्किल है, तो उन्हें इस धाम में एक बार जरूर जाना चाहिए।

तो आइए इस चमत्कारी स्थल (Tripura Sundari Temple) के बारे में विस्तार से जानते हैं, ताकि आप आसानी से इसका दर्शन करने के लिए पहुंच सकें।

51 महापीठों में से है एक

दरअसल, माता रानी का यह स्वरूप दस महाविद्याओं में से एक है, जो त्रिपुरा राज्य के उदयपुर की पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर भारत के 51 महापीठों में से एक माना जाता है। लोगों का ऐसा कहना है कि यहां माता सती का दायां पैर गिरा था।

इस देवी धाम में मां त्रिपुर सुंदरी और उनके भैरव (त्रिपुरेश) वास करते हैं। कहते हैं कि भैरव के दर्शन (Unknown Facts) के बिना मां का दर्शन अधूरा रहता है।

यह भी पढ़ें: Sharad Purnima 2024 Daan: शरद पूर्णिमा के दिन अवश्य करें इन चीजों का दान, सभी कार्य होंगे सफल!

यहां होती है तंत्र साधना (Tripura Sundari Temple Significance)

आपको बता दें कि देवी के इस धाम का निर्माण महाराजा धन माणिक्य ने 15वीं शताब्दी में कराया था, जो पहले भगवान विष्णु को समर्पित था, लेकिन इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के पूर्व राजा को सपने में देवी माया ने यह आदेश दिया कि यहां पर उनके सबसे सुंदर स्वरूप को विराजित किया जाए, जिसके बाद राजा ने वैसा ही किया। इस शक्तिपीठ को कूर्भपीठ भी कहा जाता है, जहां पर दूर-दूर से तांत्रिक अपनी तंत्र साधना के लिए आते हैं।

वहीं, इस पावन देवी धाम में नवरात्र के शुभ अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है। साथ ही यहां पर दर्शन मात्र से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

यह भी पढ़ें: Weekly Vrat Tyohar 14 To 20 October 2024: कब है करवा चौथ और शरद पूर्णिमा? जानें इस सप्ताह के पर्व-व्रत की डेट

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।