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Yogini Ekadashi 2024: इन 05 शुभ योग में मनाई जाएगी योगिनी एकादशी, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साधक श्रद्धा भाव से एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। साथ ही भगवान विष्णु के निमित्त एकादशी का व्रत रखते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 16 Jun 2024 12:44 PM (IST)
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Yogini Ekadashi Date: कब मनाई जाएगी योगिनी एकादशी?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Yogini Ekadashi 2024: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के नाथ भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन योगिनी एकादशी मनाई जाती है। वर्ष 2024 में 02 जुलाई को योगिनी एकादशी है। योगिनी एकादशी पर वैष्णव समाज के लोग व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए विशेष उपाय भी करते हैं। भगवान विष्णु की कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो योगिनी एकादशी पर 05 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। आइए, शुभ योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01 जुलाई को प्रातः काल 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 02 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी।

धृति योग

योगिनी एकादशी पर धृति योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन धृति योग सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक है। इसके बाद शूल योग का निर्माण होगा। धृति योग में भगवान विष्णु की पूजा करना परम फलदायी होगा।

त्रिपुष्कर योग

ज्योतिषियों की मानें तो योगिनी एकादशी तिथि पर त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 42 मिनट से हो रहा है और समापन 03 जुलाई को सुबह  04 बजकर 40 मिनट पर होगा।

सर्वार्थ सिद्धि योग

योगिनी एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 27 मिनट से हो रहा है और समापन 03 जुलाई को सुबह  04 बजकर 40 मिनट पर होगा। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

शिववास योग

योगिनी एकादशी पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव सुबह 08 बजकर 42 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार रहेंगे। भगवान शिव के कैलाश और नंदी पर विराजमान रहने के दौरान अभिषेक करने से साधक को सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।