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Tulsi Ke Niyam: अशुभ माना गया है तुलसी का सूखना, बचाने के लिए अपनाएं ये उपाय

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की तरह तुलसी की भी पूजा करने का विधान है। यही कारण है कि तुलसी को तुलसी माता कहा जाता है। हिंदू अनुयायियों के घर में तुलसी का पौधा जरूर पाया जाता है और इसकी सुबह- शाम पूजा भी की जाती है। इसी के साथ यदि तुलसी का पौधा सूख जाए तो इसे एक अशुभ संकेत माना जाता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 26 Mar 2024 03:26 PM (IST)
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Tulsi Ke Niyam तुलसी को सूखने से बचाने के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tulsi Care Tips: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों के घर में हरा-भरा तुलसी का पौधा होता है, वहां, कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।

वहीं, तुलसी का सूखा हुआ पौधा व्यक्ति की आर्थिक तंगी का कारण भी बन सकता है। ऐसे में यदि आप भी अपने तुलसी के पौधे को हरा-भरा रखना चाहते हैं, तो ये टिप्स अपना सकते हैं। इन टिप्स को अपनाने से आपकी तुलसी हरी-भरी रहेगी और आपके घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहेगा।

इस तरह रखें तुलसी

तुलसी के पौधे के सूख जाने पर उसे दूसरे गमले में लगा देना चाहिए। यदि आप मिट्टी के गमले में तुलसी का पौधा लगाते हैं, तो इसे ज्यादा बेहतर माना जाता है। वहीं, मिट्टी में रेत और सूखा हुआ गाय का गोबर मिलाने से आपका पौधा हरा-भरा बना रहेगा।

इन बातों का रखें ध्यान

तुलसी को अंधेरे वाले स्थान पर नहीं रखना चाहिए। साथ ही, तुलसी को तेज धूप से बचाने के लिए उस पर लाल रंग की चुनरी या फिर लाल रंग का सूती कपड़ा ओढ़ा दें। वहीं, वास्तु शास्त्र की दृष्टि से तुलसी के पौधे को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे अच्छा माना गया है। साथ ही इस बात का भी विशेष रूप से ध्यान रखें कि रविवार के दिन तुलसी में पानी नहीं चढ़ाना चाहिए।

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कर सकते हैं ये काम

तुलसी के पौधे में नमी बनाए रखने के लिए सप्ताह में कम-से-कम एक बार कच्चा दूध जरूर डालना चाहिए। कच्चा दूध तुलसी के जड़ में डालते समय उसमें थोड़ा-सा जल जरूर मिला लें। गुरुवार के दिन ऐसा करना ज्यादा शुभ माना जाता है। इससे घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'