Tulsi Ke Upay: तुलसी के इन उपायों से व्यापार और जॉब में मिलेगी सफलता, दांपत्य जीवन होगा सुखमय
सनातन धर्म में तुलसी की पूजा करना शुभ माना गया है। धार्मिक दृष्टि के अलावा आयुर्वेद में भी तुलसी के कई लाभ बताए गए हैं। धार्मिक मान्यता है कि यह पौधा भगवान विष्णु को प्रिय है। इसलिए उनके भोग में इसके पत्ते को शामिल किया जाता है। साथ ही तुलसी में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tulsi Ke Upay: सनातन धर्म में कई पौधों को पूजनीय माना गया है, जिनका संबंध किसी न किसी देवी-देवता से है। इनमें तुलसी का पौधा भी शामिल है। धार्मिक मान्यता है कि यह पौधा भगवान विष्णु को प्रिय है। इसलिए उनके भोग में इसके पत्ते को शामिल किया जाता है। साथ ही तुलसी में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। यही वजह है कि घर में इस पौधे के होने से धन लाभ के योग बनते हैं। ज्योतिष शास्त्र में तुलसी से संबंधित कई उपायों का उल्लेख किया गया है, जिनको करने से जातक को कार्यों के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं तुलसी के इन चमत्कारी उपायों के बारे में।
यह भी पढ़ें: Vastu Tips: धन की समस्या को सुलझा सकते हैं वास्तु के उपाय, आज ही अपनाएं ये टिप्स
तुलसी के उपाय (Tulsi Ke Upay)
- अगर आप भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह स्नान करने के बाद तुलसी में घी का दीपक जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से श्री हरि और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन में वृद्धि होती है।
- अगर आपके दांपत्य जीवन में कोई समस्या आ रही है, तो पूजा के दौरान भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। भोग में तुलसी दल को शामिल करें। मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
- शनि दोष को दूर करने के लिए मंदिर में तुलसी की जड़ रखकर इसकी रोजाना पूजा करें। ऐसा करने से कई दोषों से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
- यदि आप व्यापार और जॉब में सफलता पाना चाहते हैं, तो रोजाना शाम को तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं। माना जाता है कि यह उपाय करने से मनचाही जॉब मिलती है और व्यापार में उन्नति होती है।
यह भी पढ़ें: Vastu Tips: घर की नींव में क्यों रखते हैं चांदी के नाग-नागिन और कलश? भागवत गीता में है वर्णन
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।