Move to Jagran APP

Tulsi Mala Rules: तुलसी की माला धारण करते समय ध्यान रखें ये नियम, ताकी बनी रहे पवित्रता

तुलसी को भगवान विष्णु से जोड़कर देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की माला पहनने से साधक को अपने जीवन में कई तरह के लाभ देखने को मिल सकते हैं। लेकिन यह लाभ तभी मिलते हैं जब तुलसी की माला धारण करते समय इसके नियमों का ध्यान रखा जाए। तो चलिए जानते हैं तुलसी माला से जुड़े जरूरी नियम।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Fri, 28 Jun 2024 06:26 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2024 06:26 PM (IST)
Tulsi Mala तुलसी की माला धारण करते समय ध्यान रखें ये नियम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसी प्रकार तुलसी की माला का भी विशेष महत्व माना गया है। इससे व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक लाभ भी देखने को मिलते हैं। आज हम आपको तुलसी की माला धारण करने के नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका ध्यान रखा जाए, तो इससे तुलसी माला की पवित्रता बनी रहती है।

रखें इन बातों का ध्यान

तुलसी की माला को एक पवित्र वस्तु माना गया है, इसलिए धारण करते समय शुद्धता और सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आपकी तुलसी माला शुद्ध और साफ हो। तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति को मांसाहारी भोजन और शराब के सेवन से दूर रहना चाहिए। यदि आप किसी वजह से इसे उतारते हैं, तो इसे साफ पानी या गंगाजल से धोने के बाद ही इसे दोबारा धारण करें।

धारण करने से पहले करें ये काम

सुबह स्नान करने के बाद ही तुलसी की माला को धारण करना चाहिए। स्नाने के बाद भगवान का ध्यान करें और इसके बाद ही तुलसी की माला धारण करें। यदि आप तुलसी की माला पहनते समय, भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हैं, तो इससे आपको लाभ देखने को मिल सकता है।

यह भी पढ़ें - Vastu Tips For Tulsi: रसोई घर में तुलसी लगाना शुभ या अशुभ, जानिए इससे जुड़े वास्तु नियम

माला टूटने पर क्या करें?

यदि आपकी तुलसी की माला टूट जाती है या खराब हो जाती है, तो इसे बदल देना चाहिए। इसके बाद पुरानी माला को किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें, या फिर टूटी हुई माला को तुलसी के पौधे की जड़ों में भी डाल सकते हैं।

WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.