Tulsi Mala Ke Niyam: किस दिन धारण करनी चाहिए तुलसी माला, पढ़िए इससे जुड़े कुछ जरूरी नियम
तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इसी प्रकार तुलसी की माला धारण करने का भी विशेष महत्व माना गया है जो तुलसी की लकड़ी से बनी होती है। लेकिन इसे धारण करने के लाभ तभी मिल सकते हैं जब इससे जुड़े कुछ जरूरी नियमों का ध्यान रखा जाए। ऐसे में चलिए जानते हैं तुलसी की माला धारण करने के जरूरी नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आपने कई लोगों को तुलसी की माला धारण किए देखा होगा। माना जाता है कि कि इसे पहनने से साधक को आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ शारीरिक लाभ भी देखने को मिलते हैं। ऐसे में यदि आप इस नियमों के अनुसार धारण करते हैं, तो इससे मिलने वाले लाभ और भी बढ़ जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि तुलसी माला धारण करने के लिए कौन-सा दिन सबसे उत्तम माना गया है।
इस दिन करें धारण
तुलसी माला धारण करने के लिए प्रदोष काल को सबसे उत्तम समय माना गया है। इसके अलावा आप इसे सोमवार, गुरुवार या बुधवार के दिन भी पहन सकते हैं। लेकिन भूलकर भी रविवार या अमावस्या के दिन तुलसी माला को धारण नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही आप किसी जानकार ज्योतिषी की सलाह से भी शुभ मुहूर्त में इसे धारण कर सकते हैं। यदि आप स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करके तुलसी की माला धारण करते हैं, तो इससे आपको कई लाभ देखने को मिल सकते हैं।
रखें इन बातों का ध्यान
तुलसी की माला की पवित्रता को बनाए रखने के लिए शुद्धता और सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि तुलसी माला शुद्ध और साफ होनी चाहिए। तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति को मांसाहारी भोजन और शराब आदि का त्याग करना चाहिए। यदि आप किसी कारणवश इसे उतार रहे हैं, तो दोबारा धारण करने से पहले साफ पानी या गंगाजल से शुद्ध कर लें।यह भी पढ़ें - Tulsi Puja Niyam: तुलसी की रोजाना सेवा करने से मिलते हैं कई लाभ, शास्त्रों में भी बताई गई है महिमा
माला टूटने पर क्या करें
अगर आपकी तुलसी की माला टूट गई है, या खराब हो जाती है, तो आप इसे बदल सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उतारी हुई माला को इधर-उधर न फेंके। इसके स्थान पर आप पुरानी माला को किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर सकते हैं या फिर तुलसी के पौधे में भी डाल सकते हैं।