Tulsi Mala: तुलसी की माला धारण करने से मिलती है मानसिक शांति और सौभाग्य, जानें इसे पहनने के नियम
Tulsi Mala Rules तुलसी की माला को लेकर लोगों की कई सारी मान्यताएं हैं। वहीं इसके पहनने के कई सख्त नियम भी हैं जैसे कि तुलसी की माला पहनने वाले जातक को हमेशा सात्विक रहना चाहिए। इसलिए जो लोग इस पवित्र माला को धारण (Tulsi Mala Benefit) करते हैं उन्हें किसी जानकार से बातचीत करके ही इसे धारण करना चाहिए।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Mon, 15 Jan 2024 12:13 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Tulsi Mala: सनातन धर्म में तुलसी हर रूप में शुभ मानी गई है। लोग तुलसी के पौधे को रोजाना न सिर्फ जल चढ़ाते हैं, बल्कि उसे माला के रूप में भी पहनते हैं। तुलसी का पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा पवित्रता का प्रतीक है और यह श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी से जुड़ा है। वहीं तुलसी की माला को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं है।
ऐसा कहा जाता है कि तुलसी की माला धारण करने से सौभाग्य और समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा होती है।
तुलसी के प्रकार
तुलसी दो प्रकार की होती हैं- श्यामा तुलसी और रामा तुलसी। श्यामा तुलसी के बीजों की माला पहनने से मानसिक शांति और मन में सकारात्मकता आती है। इससे आध्यात्मिक के साथ-साथ पारिवारिक और भौतिक उन्नति भी होती है, जबकि रामा तुलसी की माला आत्मविश्वास बढ़ाती है और सात्विक भावनाओं को जागृत करती है।
तुलसी की माला धारण करने के नियम
- तुलसी की माला पहनने के कई सख्त नियम हैं, जैसे कि तुलसी की माला पहनने वाले जातक को हमेशा सात्विक भोजन करना चाहिए।
- तामसिक भोजन यानी मांस-मदिरा लहसुन, सिरका और प्याज आदि से दूर रहना चाहिए।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी की माला एक बार किसी के पहनने के बाद उतारनी नहीं चाहिए।
- इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तुलसी की माला पहनने से पहले उसका शुद्ध होना जरूरी है।
- तुलसी की माला को गंगा जल से अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और माला सूखने के बाद ही धारण करना चाहिए।
- जो लोग तुलसी की माला धारण करते हैं उन्हें उसके साथ रुद्राक्ष की माला भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए।
- मान्यताओं के अनुसार, जो लोग किसी कारण से तुलसी की माला गले में नहीं पहन सकते हैं, वे दाहिने हाथ में इसे धारण कर सकते हैं।
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