Tulsi Ke Upay: जरूर करें तुलसी के ये उपाय, धन से लेकर अन्न तक, नहीं होगी किसी चीज की कमी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय मानी गई है इसलिए विष्णु जी के भोग में तुलसी को आवश्यक रूप से शामिल किया जाता है। तुलसी को मां लक्ष्मी से भी जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं तुलसी से जुड़े कुछ उपाय जो आपके भाग्य में वृद्धि कर सकते हैं और आपको कई समस्याओं से निजात दिला सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को विशेष महत्व दिया गया है, साथ ही इसे पूजनीय भी माना गया है। कई घरों में सुबह-शाम तुलसी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा मान्यता है कि जिस घर में हरा-भरा तुलसी का पौधा पाया जाता है, वहां हमेशा सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में यदि आप तुलसी से जुड़ कुछ उपाय आजमाते हैं, तो इससे आपको जीवन में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
बढ़ेगा धन-धान्य
यदि आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, तो इसके लिए आप तुलसी से जुड़ा ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए तुलसी के पत्तों को एक लाल रंग के साफ-सुथरे कपड़े में बांध दें। इसके बाद में इसे अपने पर्स या फिर धन वाले स्थान पर रखें दें। ऐसा करने से धन आगमन के रास्ते खुलने लगते हैं।
नहीं होगी अन्न की कमी
शुक्रवार के दिन तुलसी के 11 पत्ते तोड़कर उन्हें अपने आटे के डिब्बे में डाल दें। ऐसा करने से आपको कभी अन्न की कमी का सामना नहीं करना पड़ेहा। वहीं अगर आप गुरुवार के दिन तुलसी की पत्तियों को भगवान विष्णु जी को अर्पित करते हैं, तो इससे भी घर-परिवार में बरकत बनी रहती है।यह भी पढ़ें - Vastu Tips: घर के मंदिर में इन चीजों को रखने से मिल सकते हैं नकारात्मक परिणाम, आज ही करें इन्हें बाहर
भाग्य में होगी वृद्धि
यदि आपको लगता है कि किस्मत आपका साथ नहीं दे रही, तो इसके आप रोजाना तुलसी पर आटे का दीपक जला सकते हैं। इसके लिए एक आटे के दीपक में घी डाल एक चुटकी हल्दी डालें। इसके बाद दीपक के समय तुलसी के पास इस दीपक को जलाएं। ध्यान रहे कि इस दीपक का मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए। ऐसा करने से आपका भाग्योदय हो सकता है।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।