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Tulsi Puja Niyam: तुलसी की रोजाना सेवा करने से मिलते हैं कई लाभ, शास्त्रों में भी बताई गई है महिमा

हिंदू धर्म में तुलसी को एक पूजनीय और पवित्र पौधा माना गया है। लगभग हर हिंदू अनुयायी के यहां यह पौधा पाया जाता है और सुबह-शाम इसकी पूजा की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जिस घर में हरा-भरा तुलसी का पौधा पाया जाता है उस परिवार पर हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। शास्त्रों में भी तुलसी की महिमा का वर्णन मिलता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 24 May 2024 04:15 PM (IST)
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Tulsi Puja vidhi तुलसी की रोजाना सेवा करने से मिलते हैं कई लाभ।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tulsi Ke Niyam: तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय मानी गई है, यही कारण है कि विष्णु जी की पूजा में तुलसी का मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी के पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है।

ऐसे में रोजाना तुलसी की पूजा करने वाले साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना तुलसी की सेवा करने और उसमें जल देने वाले साधक को जीवन में क्या-क्या लाभ मिलते हैं। चलिए जानते हैं इस विषय में।

रोजाना करें ये काम

माना जाता है कि तुलसी माता की कृपा प्राप्ति के लिए रोजाना जल अर्पित करना चाहिए व शाम के समय उनके समक्ष घी का दीपक भी जरूर जलाना चाहिए। स्कन्द पुराण में वर्णन मिलता है कि जिस घर में हर दिन तुलसी की पूजा की जाती है, उस घर में यमदूत प्रवेश नहीं करते। कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुबह-सुबह तुलसी के दर्शन करने मात्र से सवा ग्राम सोने के दान बराबर फल मिलता है।

पुराणों में मिलती है महिमा

ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है कि तुलसी के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी होती है। साथ ही इस पुराण में यह भी कहा गया है कि जो व्यक्ति मृत्यु के समय तुलसी के पत्ते सहित जल पीता है, उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। वहीं, गरुड़ पुराण के अनुसार, तुलसी का पौधा लगाने से और उसमें जल अर्पित करने से, ध्यान करने से यहां तक की केवल तुलसी के स्पर्श से पूर्व जन्म के पाप मिट जाते हैं।

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इस बातों का रखें ध्यान

तुलसी में जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी तुलसी में रविवार और एकादशी के दिन जल न दें। क्योंकि मान्यताओं के अनुसार एकादशी पर मां तुलसी भी निर्जला व्रत रखती हैं और न ही इन दिनों में तुलसी के पत्ते उतारने चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।