Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Tulsi Puja Niyam: इन दिन भूलकर भी न करें तुलसी की पूजा, वरना नाराज हो सकती हैं मां लक्ष्मी

सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी पूजा के कई नियम (Tulsi Puja Niyam) भी हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का पालन न करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं तुलसी पूजा से संबंधित नियम के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 08 Jun 2024 06:00 PM (IST)
Hero Image
Tulsi Puja Niyam: इन दिन भूलकर भी न करें तुलसी की पूजा, वरना नाराज हो सकती हैं मां लक्ष्मी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tulsi Puja Niyam: सनातन धर्म में कई पेड़-पौधे का किसी न किसी देवी-देवता से संबंध है। ठीक इसी प्रकार तुलसी का पौधा जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रिय है और इसमें मां लक्ष्मी का वास माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी की पूजा और दीपक जलाने से जातक को धन की प्राप्ति होती है और घर में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। 

 

यह भी पढ़ें: Nirjala Ekadashi 2024: इन महिलाओं को नहीं करना चाहिए निर्जला एकादशी व्रत? जानें इसके नियम

इस दिन न करें तुलसी की पूजा

वैसे तो नियमित रूप से तुलसी की पूजा और जल देने का विधान है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं की मानें तो मंगलवार, रविवार और एकादशी पर तुलसी के पौधे में जल देने की मनाही है। साथ ही इसकी पूजा भी नहीं करनी चाहिए। पौराणिक मान्यताओं की मानें तो रविवार और एकादशी पर मां लक्ष्मी श्री हरि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल देने से व्रत खंडित होता है। इसी वजह से इन दोनों दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का आगमन होता है। इसके अलावा मंगलवार को तुलसी में जल अर्पित करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।

इस दिन लगाएं तुलसी का पौधा

धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर में तुलसी के पौधे को लगाने के लिए गुरुवार और शुक्रवार का दिन उत्तम माना गया है। इस दिन तुलसी लगाने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।  

इस दिन न तोड़ें तुलसी के पत्ते

द्वादशी, चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्तों को नहीं तोडना चाहिए।क्योंकि इन तिथियों पर तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए इन तिथियों पर तुलसी दल नहीं तोड़ने चाहिए।

यह भी पढ़ें: Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को लगाएं यह भोग, घर से दूर होगी दरिद्रता

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।