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Tulsi Ke Niyam: रविवार के दिन तुलसी में जल क्यों नहीं देना चाहिए? जानें इसका धार्मिक कारण

सनातन धर्म में तुलसी की पूजा करना शुभ माना गया है। धार्मिक दृष्टि के अलावा आयुर्वेद में भी तुलसी के कई लाभ बताए गए हैं। रोजाना तुलसी की पूजा और इसकी परिक्रमा लगाई जाती है। इसके साथ ही तुलसी में जल दिया जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार रविवार को तुलसी में पानी नहीं देना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 24 Dec 2023 10:49 AM (IST)
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Tulsi Ke Niyam:रविवार के दिन तुलसी में जल क्यों नहीं देना चाहिए? जानें इसका धार्मिक कारण
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Tulsi Ke Niyam: सनातन धर्म में तुलसी को बेहद शुभ माना गया है। तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है। धार्मिक दृष्टि के अलावा आयुर्वेद में भी तुलसी के कई लाभ बताए गए हैं। रोजाना तुलसी की पूजा और इसकी परिक्रमा लगाई जाती है। इसके साथ ही तुलसी में जल दिया जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार, रविवार को तुलसी में पानी नहीं देना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। चलिए जानते हैं इसके पीछे क्या है धार्मिक कारण।

रविवार को तुलसी में पानी न देने की वजह

तुलसी में रोजाना जल देना बेहद शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, रविवार के दिन तुलसी में जल देने की मनाही है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, रविवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु के लिए तुलसी जी निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए रविवार के दिन तुलसी में जल देने से उनका व्रत खंडित हो जाता है। यही वजह है कि रविवार को तुलसी में जल नहीं देना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल देने से घर में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है।

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तुलसी के उपाय

तुलसी की जड़ को गंगाजल में धोकर पूजा करें और इसको पीले वस्त्र में बांधकर अपने पास रख लें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से काम में सफलता प्राप्त होती है।

गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल को शामिल करें। इसके बाद तुलसी दल को पीले रंग के वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में धन की कमी नहीं होती है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

इस दिन भी न तोड़ें तुलसी

रविवार के अलावा एकादशी, द्वादशी, चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और सूर्यास्त के बाद भी तुलसी के पत्तों को तोड़ना अशुभ माना जाता है। क्योंकि इन तिथियों पर तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए इन तिथियों पर तुलसी दल नहीं तोड़ने चाहिए।

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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'