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Tulsi Tips: मां तुलसी के सामने जलाएं ये खास दीया, नहीं होगी कभी पैसों की कमी

Special Diya In Front Of Tulsi हिंदू धर्म में मां तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। ज्‍योतिष शास्‍त्र में तुलसी से जुड़े ऐसे कई महत्वपूर्ण उपाय बताए गए हैं जिसे आजमाकर आप अपनी जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकते हैं। तो आइए जानते हैं-

By Jagran NewsEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 10 Oct 2023 04:22 PM (IST)
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मां तुलसी के सामने जलाएं ये खास दीया

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Astro Tips: सनातन धर्म में तुलसी के पौधा का विशेष महत्व है। इसके बिना भगवान विष्णु की पूजा को अधूरा माना जाता है। अगर आपको भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना है तो मां तुलसी की आराधना करें। इसके साथ ही किसी शुभ दिन का विचार करके घर में तुलसी का पौधा लगाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।

वहीं ज्‍योतिष शास्‍त्र में तुलसी से जुड़े ऐसे कई महत्वपूर्ण उपाय बताए गए हैं, जिसे आजमाकर आप अपनी जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकते हैं। तो आइए जानते हैं-

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नवरात्रि में करें ज्‍योतिष शास्‍त्र से लिया गया ये अचूक उपाय -

धन-धान्‍य के लिए

नवरात्रि के पहले दिन मां तुलसी के समक्ष अगर आटे का दीपक जलाया जाए तो धन की देवी के साथ मां अन्नपूर्णा भी प्रसन्न होती हैं। इस उपाय से आपका घर हमेशा धन-धान्‍य से भरा रहेगा। ध्यान रहे दीपक के लिए घी का उपयोग जरूरी है।

आर्थिक तंगी से छुटकारा

अगर आप आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको नवरात्रि के दूसरे दिन तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीया जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय उसमें चुटकी भर हल्दी डाल दें। दीया मिट्टी का हो तो और भी बेहतर है। ऐसा करने से भगवान विष्‍णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी आपके ऊपर सदैव बनी रहेगी और आर्थिक समस्याओं से निजात मिल जाएगा।

बरकत और सकारात्‍मकता के लिए

नवरात्रि के आखिरी दिन मां तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं। उसमें थोड़ा चावल डाल दें। इस उपाय को करने से आपके घर कभी पैसों की कमी नहीं होगी। घर में हमेशा बरकत बनी रहेगी। साथ ही इसे लगातार करने से आपके घर में सकारात्‍मकता का संचार होगा।

मां तुलसी मंत्र

ॐ सुभद्राय नम:, मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी,नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।।

महाप्रसादजननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

Author - Vaishnavi Dwivedi

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।