Tulsi Vivah के दिन इन कार्यों को करने से नाराज हो सकती हैं मां लक्ष्मी, जानें क्या करें और क्या न करें?
सनातन धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय है। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से इस पौधे की उपासना करने के सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है क्योंकि इस पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। यह पौधा अधिकतर हिंदुओं के घरों में देखने को मिलता है। तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2024) के दिन तुलसी की सेवा करना जातक के लिए फलदायी साबित होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी (Kab Hai Dev Uthani Ekadashi 2024) मनाई जाएगी। इसके अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाता है। इस दिन तुलसी माता और शालिग्राम जी का विवाह करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2024) के दिन कुछ कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। इसलिए इस दिन कुछ कार्यों को करने से बचें। चलिए इस लेख में जानते हैं कि तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2024 Niyam) के दिन क्या करें और क्या न करें?
कब है तुलसी विवाह?
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 12 नवंबर को है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाएगा। हालांकि, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि की शुरुआत 12 नवंबर को शाम 04 बजकर 04 मिनट पर होगी। वहीं, समापन 13 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 01 मिनट होगा। उदया तिथि की गणना के अनुसार, 13 नवंबर को तुलसी विवाह मनाया जाएगा।
तुलसी विवाह के दिन क्या करें (What to do on the day of Tulsi Vivah)
- तुलसी विवाह के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
- सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
- शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी की पूजा करें।
- प्रिय चीजों का भोग लगाएं। भोग थाली में तुलसी के पत्ते शामिल करने चाहिए।
- तुलसी माता को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
- गरीब लोगों में दान करना कल्याणकारी माना जाता है।
- सुबह की पूजा-अर्चना के बाद दिन में नहीं सोना चाहिए।
तुलसी विवाह के दिन क्या न करें (What not to do on the day of Tulsi Vivah)
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तुलसी विवाह के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें।
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इस दिन घर को गंदा न रखें, क्योंकि धन की देवी मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगह पर होता है।
- किसी से बातचीत के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग न करें।
- बड़े-बुर्जुग और महिलाओं का अपमान न करें।
- इसके अलावा धन की बर्बादी न करें।
- बड़े बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान न करें।
पूजा के दौरान इस मंत्र का करें जप
तुलसी नामाष्टक मंत्र -
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।यह भी पढ़ें: Tulsi Vivah 2024 Date: इस पावन दिन मनाया जाएगा तुलसी विवाह का पर्व, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि
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