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Tulsi Vivah 2024: तुलसी विवाह पर देवी को चढ़ाएं ये प्रसाद, जागेगा सोया हुआ भाग्य

हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का अपना एक खास महत्व है। यह हर साल कार्तिक माह में आयोजित किया जाता है। इस दिन पर लोग उपवास रखते हैं और तुलसी जी के साथ भगवान शालिग्राम की आराधना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन (Kab Hai Tulsi Vivah 2024) पूजा-पाठ करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही साधक का कल्याण होता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 08 Nov 2024 01:25 PM (IST)
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Tulsi Vivah 2024: तुलसी विवाह पर लगाएं ये भोग।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में तुलसी विवाह का बहुत महत्व है। यह त्योहार हर साल कार्तिक माह में मनाया जाता है। इस पावन दिन मां तुलसी और भगवान शालिग्राम (भगवान विष्णु का एक रूप) का विवाह कराया जाता है। इसके साथ ही लोग व्रत रखते हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ अवसर पर सच्चे भाव के साथ पूजा करने से जीवन में आ रही सभी मुश्किलों का अंत होता है। ऐसे में जब इस पर्व को कुछ ही दिन (Tulsi Vivah 2024 Date) रह गए हैं, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

तुलसी विवाह पर लगाएं ये भोग (Tulsi Vivah 2024 Prasad)

तुलसी विवाह पर भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी को आटे का हलवा, पंचामृत, कच्चा दूध, ऋतु-फल पंजीरी और घर पर बनी मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा करने से भक्तों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही अन्न-धन की कमी नहीं रहती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस पावन मौके पर श्री हरि और देवी की उपासना करते हैं और उन्हें उनका प्रिय भोग अर्पित करते हैं, उनपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इस दिन की पूजा में गन्ने को भी जरूर शामिल करना चाहिए।

तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah 2024 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की द्वादशी तिथि की शुरुआत दिन मंगलवार 12 नवबर, 2024 को शाम 4 बजकर 2 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन दिन बुधवार 13 नवंबर, 2024 को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस साल तुलसी विवाह का आयोजन 13 नवंबर, 2024 को किया जाएगा।

भगवान विष्णु मंत्र ( Vishnu Ji Puja Mantra)

  • शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।

    लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

तुलसी पूजन मंत्र (Tulsi Puja Mantra)

1. तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।