Tulsi Plant: घर पर है तुलसी का पौधा? जान लें ये जरूरी बातें, नहीं तो रूठ जाएंगी मां लक्ष्मी
तुलसी का पौधा बहुत पवित्र माना जाता है। इसे घर में लगाने से जीवन की हर बाधाओं का अंत होता है। साथ ही घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। वैसे तो हिंदू धर्म में लगभग हर घर में तुलसी का पौधा होता है लेकिन लोग इससे जुड़ी कुछ बातों को अनदेखा कर देते हैं जिससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है तो चलिए इसके नियम जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में तुलसी का पौधा सबसे पवित्र पौधों में से एक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है और इसे घर में लगाने से शुभता आती है। आमतौर पर यह पवित्र पौधा हर घर में होता है। वहीं, तुलसी दल के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है।
इसके लाभ को देखते हुए लोग अपने घर में इसे लगा तो लेते हैं, लेकिन इसकी सही तरीके से देखभाल और पूजा करना भूल जाते हैं, तो चलिए तुलसी के पौधे (Tulsi Plant Rules) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
प्रतिदिन सुबह और शाम तुलसी के सामने दीपक जलाएं। रोजाना जल चढ़ाएं। तुलसी के पौधे को सूर्य की रोशनी में रखें, जिससे इसका पूर्ण विकास हो सके। इसके आस-पास सफाई रखें। इसकी रोजाना 3, 5, 7 बार परिक्रमा करें, इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। तुलसी के पौधे को कभी भी गंदे हाथों से न छुएं।
तुलसी दल तोड़ने से पहले उसे प्रणाम करें और फिर तोड़ें। एकादशी, पूर्णिमा और रविवार के दिन तुलसी दल न तोड़ें। महिलाएं मासिक धर्म के दौरान तुलसी के पौधे को न छुएं।
ऐसे करें तुलसी पूजन
एक साफ जगह पर गमले में तुलसी का पौधा लगाएं। उन्हें जल चढ़ाएं और कुमकुम का तिलक लगाएं। फूलों की माला अर्पित करें। उनके समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं। फिर फल, मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं। मां के वैदिक मंत्रों का जाप करके प्रार्थना करें। अंत में आरती से अपनी पूजा को पूर्ण करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
यह भी पढ़ें: Ekadashi in August 2024: अगस्त में कब-कब मनाई जाएगी एकादशी? नोट करें डेट और शुभ मुहूर्तअस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।