Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी पर करें श्री हरि के साथ मां तुलसी को प्रसन्न, घर में नहीं होगी धन की कमी
मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली सभी एकादशी का बेहद महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2024 Date And Time) 26 नवंबर को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर विष्णु जी के साथ मां तुलसी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन तुलसी पूजन जरूर करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Utpanna Ekadashi 2024) यानी 26 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन मां तुलसी की आराधना करना भी परम कल्याणकारी माना जाता है। ऐसे में सुबह उठकर तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाएं। लाल फूलों की माला अर्पित करें। चुनरी, कुमकुम, नारियल और मौली धागा आदि चीजें अर्पित करें।
आटे के हलवे का भोग लगाएं। फिर देसी घी का दीपक जलाएं और आरती से पूजा को पूर्ण करें, तो आइए यहां पढ़ते हैं। माना जाता है कि तुलसी पूजन से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है।
।।तुलसी माता की आरती।। (Maa Tulsi Ki Aarti)
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।मैय्या जय तुलसी माता।।बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।पंचांग के आधार पर मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 नवंबर को देर रात 01 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 27 नवंबर को रात 03 बजकर 47 मिनट पर होगा।
मैय्या जय तुलसी माता।।हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।मैय्या जय तुलसी माता।।लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।इस साल 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी ( Utpanna Ekadashi 2024 Date And Time) का व्रत रखा जाएगा। वहीं, इस दिन मां तुलसी को शृंगार की सामग्री चढ़ाएं इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मैय्या जय तुलसी माता।।हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।मैय्या जय तुलसी माता।।जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥मैय्या जय तुलसी माता।।यह भी पढ़ें: Margashirsha Ekadashi 2024: मार्गशीर्ष माह में कब-कब है एकादशी? नोट करें डेट और पूजा की विधि
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।