Move to Jagran APP

Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर नहीं करने चाहिए ये कार्य, धनवान भी हो जाता है कंगाल

वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2024) पर किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस दिन इन कार्यों को करने से जीवन की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। यह दिन पवित्र नदियों में स्नान कालसर्प दोष शनि दोष गृह दोष निवारण पितरों का तर्पण और दान आदि के लिए विशेष माना जाता है तो आइए इस दिन से जुड़े कुछ नियमों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 06 May 2024 11:49 AM (IST)
Hero Image
Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर न करें ये कार्य
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख महीने के दौरान आने वाली अमावस्या को बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जितना हो सके उतना धार्मिक कार्य करना चाहिए। हालांकि यह दिन पवित्र नदियों में स्नान, गृह दोष निवारण, पितरों का तर्पण और दान आदि के लिए शुभ माना जाता है।

वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ ऐसे कार्य हैं, जिन्हें गलती से भी नहीं करना चाहिए, तो आइए उनके बारे में जानते हैं -

यह भी पढ़ें: Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि और सोमवार का दुर्लभ संयोग, इस खास समय करें भगवान शिव की पूजा-अर्चना

वैशाख अमावस्या 2024 डेट

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 07 मई, 2024 दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 40 पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 08 मई बुधवार सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए वैशाख अमावस्या 8 मई बुधवार को मनाई जाएगी और दर्श अमावस्या 7 मई को।

वैशाख अमावस्या पर न करें ये कार्य

  • अमावस्या के दिन शराब और मांस के सेवन से बचना चाहिए।
  • इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।
  • अमावस के दिन झाड़ू खरीदने से बचना चाहिए, इससे लक्ष्मी माता नाराज होती हैं।
  • इस दौरान अपने बाल व नाखून काटने से बचना चाहिए।
  • अमावस्या के दिन सिर पर तेल लगाना भी वर्जित माना गया है।
  • इस दिन शुभ कार्य जैसे- शादी, गृहप्रवेश, मुंडन आदि कार्यों से बचना चाहिए।
  • इस दिन ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्य करना चाहिए।
  • इस तिथि पर महिलाओं का अपमान करने से भी बचना चाहिए।

वैशाख अमावस्या मंत्र

  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
यह भी पढ़ें: Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर जरूर करें सरसों के तेल के ये उपाय, सभी बाधाओं का होगा अंत

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।