Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्या की पूजा इस कथा के बिना है अधूरी, पितरों को मिलेगी शांति
वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2024) तिथि पितरों की पूजा के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही तर्पण और पिंडदान आदि कार्य किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है। साथ ही साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख माह में अमावस्या 08 मई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही तर्पण और पिंडदान आदि कार्य किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है। साथ ही मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि वैशाख अमावस्या व्रत में कथा का पाठ न करने से पूजा अधूरी रहती है। व्रत कथा का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आइए पढ़ते वैशाख अमावस्या की व्रत कथा।
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वैशाख अमावस्या व्रत कथा (Vaishakh Amavasya Vrat Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में धर्मवर्ण ब्राह्मण था। उसने किसी संत से सुना था कि घोर कलियुग में भगवान विष्णु के ध्यान से ज्यादा पुण्य किसी अन्य कार्य में नहीं होगा। पुण्य यज्ञ से अधिक प्रभु के ध्यान से प्राप्त होगा।
संत के इस वचन को धर्मवर्ण ने धारण किया और भ्रमण के लिए निकल पड़े। भ्रमण के दौरान धर्मवर्ण पितृलोक पहुंच गए। उन्होंने वहां देखा कि पितृ बहुत कष्ट में हैं। पितरों ने धर्मवर्ण को बताया कि उनकी यह हालत संन्यास की वजह से हुई है। क्योंकि उनकी शांति के लिए अब पिंडदान करने वाला कोई नहीं है।
पितरों ने आदेश दिया कि तुम गृहस्थ जीवन आरंभ करो और संतान उत्पन्न करो। इसके बाद हमे तृप्ति प्राप्त होगी। पितरों के आदेश को धर्मवर्ण ने पालन किया और गृहस्थ जीवन की शुरू किया और वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पिंडदान कर पितरों को मुक्त कराया।यह भी पढ़ें: Vaishakh Amavasya 2024: इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की पूजा, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
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