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Vaishakh Purnima 2024: मई महीने में इस दिन करें श्री सत्यनारायण पूजा, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

Vaishakh Purnima 2024 धार्मिक मत है कि पूर्णिमा व्रत करने से घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संताप दूर हो जाते हैं। अतः पूर्णिमा के दिन श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है। अगर आप भी मई महीने में श्री सत्यनारायण व्रत पूजा करना चाहते हैं तो इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु के निमित्त श्री सत्यनारायण पूजा करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 29 Apr 2024 08:00 AM (IST)
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Vaishakh Purnima 2024: मई महीने में इस दिन करें श्री सत्यनारायण पूजा, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vaisakh Purnima 2024: हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। पूर्णिमा तिथि पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही पूर्णिमा व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मत है कि पूर्णिमा व्रत करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संताप दूर हो जाते हैं। अतः पूर्णिमा के दिन श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है। अगर आप भी मई महीने में श्री सत्यनारायण पूजा करना चाहते हैं, तो इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु के निमित्त श्री सत्यनारायण पूजा करें। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

ज्योतिषीय गणना के अनुसार वैशाख पूर्णिमा 22 मई को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 मई को शाम 07 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य होता है। अतः 23 मई को वैशाख पूर्णिमा है। इस दिन ही श्री सत्यनारायण व्रत पूजा कर सकते हैं।

योग

वैशाख पूर्णिमा पर शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से हो रहा है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है। इस योग का निर्माण सुबह 09 बजकर 15 मिनट से हो रहा है। इसके अलावा, भद्रावास का भी योग है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

शुभ समय

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'