Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा व्रत में इस कथा का जरूर करें पाठ, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हिंदू नववर्ष की दूसरी पूर्णिमा पड़ती है। इसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा 23 मई को है। मान्यता है कि पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने से जातक को 32 गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। पूर्णिमा व्रत के दौरान कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vaishakh Purnima 2024 Vrat Katha: पूर्णिमा का पर्व भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार वैशाख माह में पूर्णिमा 23 मई को है। मान्यता है कि पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने से जातक को 32 गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। इस दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की आराधना करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप वैशाख पूर्णिमा का रख रहे हैं, तो पूजा के दौरान वैशाख पूर्णिमा व्रत का पाठ जरूर करें। इससे पूजा पूर्ण होती है। आइए पढ़ते हैं व्रत कथा।
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वैशाख पूर्णिमा व्रत कथा (Vaishakh Purnima Vrat Katha)पौराणिक कथा के अनुसार, धनेश्वर नाम का एक अमीर इंसान था। उसकी कोई संतान न होने की वजह से दुखी रहता था। एक बार उसकी एक योगी से मुलाकात हुई। उसने धनेश्वर को वैशाख माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को व्रत करने की राय दी। इसके बाद धनेश्वर ने पूर्णिमा व्रत किया और श्री हरि के संग मां लक्ष्मी की पूजा की। इस व्रत के पुण्य से कुछ दिनों के बाद उसकी पत्नी गर्भवती हुई, जिसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई। तभी से वैशाख पूर्णिमा व्रत करने की शुरुआत हुई।
वैशाख पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त (Vaishakh Purnima 2024 Shubh Muhurat)पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 23 मई को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा व्रत 23 मई को किया जाएगा।यह भी पढ़ें: Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा व्रत रखने से मिलते हैं अद्भुत परिणाम, जरूर करें यह चमत्कारी उपवास
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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