Varalakshmi Vrat 2024: वरलक्ष्मी व्रत पर ऐसे करें धन की स्वामिनी को प्रसन्न, पूरे साल सुख-समृद्धि से भरा रहेगा घर
सनातन धर्म में वरलक्ष्मी व्रत का बेहद महत्व है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विवाहित महिलाएं कठिन व्रत का पालन करती हैं। साथ ही विधिवत धन की देवी की पूजा करती हैं। वहीं इस शुभ दिन पर मां अष्टलक्ष्मी की पूजा का भी विधान है तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में वरलक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। इस साल यह पवित्र व्रत दिन शुक्रवार, 16 अगस्त 2024 यानी आज रखा जा रहा है। यह शुभ दिन देवी वरलक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है, जो समृद्धि और दिव्य कृपा की प्रतिमूर्ति हैं। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ दिन (Varalakshmi Vrat) पर मां के लिए व्रत रखने से सुख और शांति में वृद्धि होती है।
साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, इस तिथि पर महालक्ष्मी स्तोत्र और अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ भी परम कल्याणकारी माना गया है, तो आइए यहां पढ़ते हैं -
।।महालक्ष्मी स्तोत्र।।
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।यह भी पढ़ें: Varalakshmi Vrat की कथा के पाठ से दूर होगी आर्थिक समस्या, खुशियों से भर जाएगा आपका जीवन