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Ganga Dussehra 2024: इन 03 शुभ योग में मनाई जाएगी गंगा दशहरा, नष्ट होंगे सभी पाप

ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से जातक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक पर मां गंगा की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 09 Jun 2024 01:48 PM (IST)
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Ganga Dussehra 2024: इन 03 शुभ योग में मनाई जाएगी गंगा दशहरा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Dussehra 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, 16 जून को गंगा दशहरा है। यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस उपलक्ष पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पापहरिणी गंगा नदी में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद विधि-विधान से भगवान शिव संग मां गंगा की पूजा करते हैं। धार्मिक मत कि गंगा स्नान करने से व्यक्ति द्वारा अनजाने में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।

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अमृत सिद्धि योग

गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। अमृत सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक है। इस योग में स्नान-ध्यान करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। ज्योतिष अमृत सिद्धि योग को बेहद शुभ मानते हैं।

वरीयान योग

गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि योग के साथ-साथ वरीयान योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 03 मिनट तक है। इस योग में गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने से व्यक्ति द्वारा अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

रवि योग

ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। इस योग में स्नान-ध्यान करने से आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 46 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 20 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।