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Varuthini Ekadashi 2024: एकादशी पर चावल समेत इन चीजों का करें त्याग, द्वादशी के दिन इस नियम से करें व्रत का पारण

हिंदू धर्म में एकादशी (Ekadashi in May 2024) का व्रत बड़ा पुण्यदायी माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए कठिन उपवास रखते हैं और विभिन्न पूजा नियमों का पालन करते हैं। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी के नाम से जाना जाता है। इस साल यह व्रत 04 मई यानी आज रखा जा रहा है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 04 May 2024 09:19 AM (IST)
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Varuthini Ekadashi 2024: एकादशी व्रत का पारण कैसे करें ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Varuthini Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को सबसे पवित्र व्रतों में से एक माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस शुभ दिन पर साधक उपवास रखते हैं और श्री हरि की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है जो लोग यह व्रत करते हैं उन्हें सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है। साथ जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो आज यानी 4 मई, 2024 को मनाई जा रही है।

वहीं, इस पवित्र व्रत का पारण द्वादशी तिथि यानी 5 मई, 2024 को किया जाएगा, तो आइए इसके पारण का नियम जानते हैं, क्योंकि इसी से उपवास का पूरा फल प्राप्त होता है।

वरुथिनी एकादशी के दिन इन बातों को न करें अनदेखा

  • एकादशी व्रत के दौरान अपने शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करना चाहिए।  
  • इस व्रत के दौरान लोगों को अपनी ऊर्जा बचाने के लिए मौन रहना चाहिए और कृष्ण महामंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस दिन कम सोने की सलाह भी दी जाती है।
  • इस व्रत के दौरान भक्तों को नमक खाने से बचना चाहिए।
  • एकादशी के दिन चावल के साथ उससे बनी कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए।
  • इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और सुबह की पूजा करनी चाहिए।
  • एकादशी के दिन साबुन व बॉडी वॉश के प्रयोग से बचना चाहिए।
  • इस दिन भक्तों को किसी से भी कटु भाषा नहीं बोलनी चाहिए।
  •  झूठ बोलने या किसी का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
  • भगवत गीता, रामायण और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना चाहिए।
  • भक्तों को एकादशी के दिन भगवान को तुलसी पत्र अवश्य अर्पित करना चाहिए, क्योंकि इसके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी गई है।
  • इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।

एकादशी व्रत का पारण कैसे करें ?

जो भक्त निर्जला व्रत रख रहे हैं उन्हें पंचामृत, दूध और फलों से अपना व्रत तोड़ना चाहिए। पारण का समय स्थान के अनुसार, अलग-अलग होता है इसलिए व्यक्ति को उसी विशेष समय के दौरान अपना व्रत खोलना चाहिए। यदि आप सुबह जल्दी पारण करने का समय चूक गए हैं, तो आपको मध्याह्न तक इंतजार करना चाहिए, क्योंकि हरि वासर को व्रत तोड़ने के लिए शुभ समय नहीं माना जाता है।

इसके अलावा द्वादशी के दिन चावल का पकवान जरूर बनाना चाहिए और इसका भोग श्री हरि को लगाकर फिर खुद खाना चाहिए।

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डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।