Move to Jagran APP

Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग, जानिए तिथि और पारण का समय

एकादशी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। यह (Varuthini Ekadashi 2024) तिथि महीने में दो बार आती है एक शुक्ल पक्ष के दौरान और दूसरा कृष्ण पक्ष के दौरान। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मा​ह में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह 4 मई दिन शनिवार को मनाई जाएगी।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 20 Apr 2024 10:18 AM (IST)
Hero Image
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर बन रहे हैं तीन शुभ योग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Varuthini Ekadashi 2024: एकादशी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन साधक कठोर व्रत का पालन करते हैं। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। यह तिथि महीने में दो बार आती है, एक शुक्ल पक्ष के दौरान और दूसरा कृष्ण पक्ष के दौरान। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मा​ह में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

इस बार यह 4 मई, 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

वरुथिनी एकादशी तिथि

इस साल वरुथिनी एकादशी की शुरुआत 03 मई, 2024 दिन शुक्रवार रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 4 मई, 2024 दिन शनिवार रात 08 बजकर 38 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए 4 मई को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। ऐसे में जो साधक इस कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें तिथि और समय का ध्यान देते हुए उपवास रखना चाहिए।

जानकारी के लिए बता दें, 5 मई, 2024 दिन रविवार को व्रत का पारण किया जाएगा। पारण का समय प्रातः 05 बजकर 37 मिनट से 08 बजकर 17 मिनट तक का है।

वरुथिनी एकादशी पर बन रहे हैं तीन शुभ योग

वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और वैधृति योग का निर्माण हो रहा है, जो कि बेहद शुभ माना जाता है। त्रिपुष्कर योग की शुरुआत रात्रि 08 बजकर 38 मिनट पर होगी। साथ ही यह 10 बजकर 07 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही इंद्र योग भोर से सुबह 11 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। इसके बाद वैधृति योग का निर्माण होगा।

यह भी पढ़ें: Vaman Dwadashi 2024: आज मनाई जा रही है वामन द्वादशी, इस विधि से करें श्री हरि विष्णु के प्रथम अवतार वामन देव की पूजा

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।