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Varuthini Ekadashi Vrat 2023: आज है वैशाख मास का पहला वरुथिनी एकादशी व्रत, जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Varuthini Ekadashi Vrat 2023 हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर पर भगवान विष्णु की उपासना का विधान है। आइए जानते हैं कब मनाया जाएगा वैशाख मास का पहला एकादशी व्रत?

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sun, 16 Apr 2023 08:44 AM (IST)
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Varuthini Ekadashi Vrat 2023: आज है वैशाख मास का पहला वरुथिनी एकादशी व्रत, जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Varuthini Ekadashi Vrat 2023 Kab Hai: सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि एक वर्ष में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में। वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन वरुथिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी व्रत रखने से और इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को बैकुंठ की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि वरुथिनी एकादशी को कल्याणकारी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं, किस दिन रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

वरुथिनी एकादशी व्रत 2023 तिथि (Varuthini Ekadashi Vrat 2023 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 15 अप्रैल को रात्रि 08 बजकर 45 मिनट पर होगा और स्थिति का समापन 16 अप्रैल को शाम 06 बजकर 14 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार वरुथिनी एकादशी व्रत 16 अप्रैल 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। साथ ही व्रत का पारण अगले दिन यानी 17 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 20 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट के बीच किया जाएगा।

वरुथिनी एकादशी व्रत 2023 पूजा विधि (Varuthini Ekadashi Vrat 2023 Puja Vidhi)

वरुथिनी एकादशी व्रत के दिन साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और गंगाजल से पूजा स्थल को साफ करें। उसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और मंदिर में दीपक प्रज्वलित कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि से उनकी उपासना करें। अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

वरुथिनी एकादशी व्रत 2023 महत्व (Varuthini Ekadashi Vrat 2023 Significance)

वेद एवं पुराणों में बताया गया है की वरुथिनी एकादशी व्रत के दिन उपवास का पालन करने से और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही साधक को जीवन में धन, ऐश्वर्य, बुद्धि, बल और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। इस दिन माता तुलसी की पूजा करने से भी व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।