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Goddess Lakshmi: सूरज ढलने के बाद न करें इन चीजों का दान, वरना नहीं मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवी लक्ष्मी का स्वभाव चंचल माना गया है। इसलिए लक्ष्मी जी एक स्थान पर ज्यादा समय के लिए नहीं ठहरती। वहीं वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसी चीजों का वर्णन किया गया है जिन्हें सूर्यास्त बाद दान नहीं करना चाहिए वरना मां लक्ष्मी घर से वापस लौट जाती हैं और व्यक्ति को धन की समस्या बनी रहती है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Thu, 04 Jul 2024 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 11:23 AM (IST)
Maa Lakshmi blessing सूरज डूबने के बाद न करें इन चीजों का दान।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में देखा जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि संध्या के समय मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। ऐसी स्थिति में शाम के समय कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाता है, ताकि मां लक्ष्मी के घर आगमन में कोई बाधा न आए। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सूरज डूबने के बाद किन चीजों का दान नहीं करना चाहिए, वरना मां लक्ष्मी रुष्ठ हो सकती हैं।

भूलकर भी न करें इस चीज का दान

ज्योतिष शास्त्र में हल्दी का संबंध बृहस्पति ग्रह से माना जाता है। ऐसे में यदि सूरज डूबने के बाद हल्दी का दान करते हैं, तो इससे कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो सकता है। जिससे जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे में शाम के समय भूलकर भी हल्दी का दान न करें।

इस बात का रखें ध्यान

शाम के समय आपको पैसों का दान या फिर लेन-देन करना भी शुभ नहीं माना जाता। क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्यास्त के समय मां लक्ष्मी घर आती हैं। ऐसे में यदि आप इस दौरान किसी को पैसे देते हैं, तो मां लक्ष्मी आपके घर आने के बजाय उनके घर चली जाती हैं। इसलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

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बढ़ सकती है नकारात्मकता

वास्तु शास्त्र के अनुसार, शाम के समय भूलकर भी नमक दान नहीं करना चाहिए, वरना इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। जिस कारण घर में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी रहती है। इसके साथ ही सूरज ढलने के बाद प्याज-लहसुन और दूध आदि का दान देना भी शुभ नहीं माना जाता।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


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