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Vat Savitri 2024: वट सावित्री पर बरगद का पेड़ न मिलने पर ऐसे करें पूजा, होगी पूर्ण फल की प्राप्ति

वट सावित्री (Vat Savitri Vrat 2024) का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। इस बार यह 6 जून दिन गुरुवार को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और अपने पति की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस दिन का व्रत करती हैं उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 30 May 2024 10:48 AM (IST)
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Vat Savitri Vrat 2024: वट वृक्ष न मिलने पर करें ऐसे पूजा -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vat Savitri Vrat 2024: हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक वट सावित्री का व्रत है। इस दिन का सुहागन महिलाओं के बीच बड़ा महत्व है। इस बार यह व्रत 6 जून, 2024 दिन गुरुवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ अवसर पर सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।

ऐसा कहा जाता है कि इस कठिन व्रत का पालन करने से पति की उम्र बढ़ती है। साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि का वास रहता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

वट वृक्ष न मिलने पर करें ऐसे पूजा

वट सावित्री वाले दिन वट वृक्ष की पूजा के बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। कई बार कुछ लोगों को यह वृक्ष मिलने में समस्या आती है। ऐसे में अगर आपको भी बरगद का पेड़ नहीं मिल पा रहा है, तो आप पहले से ही उसकी छोटी डाली या टहनी कहीं से काटकर मंगवा लें। या फिर स्वंय लेते आएं। इसके पश्चात विधि अनुसार उसकी पूजा करें। साथ ही सभी पूजा नियमों का पालन करें। ऐसा करने से आपकी पूजा पूर्ण मानी जाएगी। इसके साथ ही पूजा का पूरा फल भी प्राप्त होगा।

वट वृक्ष पूजन मंत्र

अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।

पुत्रान्‌ पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।।

यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।

तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।

वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 05 जून, 2024 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 06 जून को दोपहर 04 बजकर 37 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए वट सावित्री का व्रत 06 जून को रखा जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।