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Vat Savitri Purnima 2023: वट सावित्री पूर्णिमा व्रत आज, इस शुभ योग में करें पूजा-पाठ

Vat Savitri Purnima 2023 पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भारत के कुछ हिस्सों में वट सावित्री पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 03 Jun 2023 10:31 AM (IST)
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Vat Savitri Purnima Vrat 2023: जानिए कब रखा जाएगा वट सावित्री पूर्णिमा व्रत?
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Vat Savitri Purnima Vrat 2023: हिन्दू धर्म में वट पूर्णिमा व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन स्नान-दान और पूजा पाठ करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाता हैं और साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष और भगवान विष्णु की उपासना करती हैं। माना जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा वट सावित्री पूर्णिमा व्रत तिथि, मुहूर्त और शुभ योग-

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2023 तिथि (Vat Savitri Purnima Vrat 2023 Date and Time)

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 03 जून सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगा और इस तिथि का समापन 04 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट हो जाएगा। ऐसे में वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 03 जून 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा।

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2023 शुभ योग (Vat Savitri Purnima Vrat 2023 Shubh Yog)

पंचांग में बताया गया है कि वट पूर्णिमा व्रत के दिन तीन अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि इस दिन अनुराधा नक्षत्र बनेगा जो सुबह 06 बजकर 16 मिनट से पूर्ण रात्रि तक है। वहीं इस दिन शिव एवं सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। शिव योग दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक रहेगा और इसके बाद सिद्ध योग का शुभारंभ हो जाएगा।

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत महत्व (Vat Savitri Purnima Vrat Significance)

वट सावित्री पूर्णिमा और अमावस्या व्रत में विशेष अंतर नहीं है। इस दिन शुभ मुहूर्त में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और परिवार के कल्याण के लिए वट वृक्ष की उपासना करती हैं और वृक्ष के चारों ओर रक्षा सूत्र बांधती हैं। मान्यता है कि ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि वट वृक्ष में भगवान विष्णु वास करते हैं और उनकी उपासना करने से जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।