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Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत के दिन इस 1 उपाय को करने से होगा कल्याण, रिश्तों में आएगी मिठास

वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र सुख और समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस उपवास को रखने से परिवार के सदस्यों को सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। इस बार यह व्रत 6 जून 2024 दिन गुरुवार यानी आज रखा जाएगा तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 06 Jun 2024 12:12 PM (IST)
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Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत पर करें यह उपाय
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दौरान मनाया जाता है। इस साल यह 6 जून दिन गुरुवार यानी आज मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस उपवास को रखने से वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन सुखमय बीतता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कुछ उपाय बताए गए, जो बेहद असरदार हैं।

वट सावित्री व्रत पर करें यह उपाय

वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2024) के दिन अगर यह उपाय कर लिया जाए, तो उसका प्रभाव हमारे वैवाहिक जीवन पर तुरंत देखने को मिलेगा। ऐसे में इस शुभ दिन पर तीन बरगद के पत्ते लें। इसके बाद उन तीनों पत्तों पर सिन्दूर रखें। फिर विधि अनुसार, वट सावित्री वृक्ष की पूजा करें और 11 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें। इस उपाय को करने से रिश्तों में मिठास आती है। साथ ही पति और पत्नी के बीच का रिश्ता दिन-प्रतिदिन मजबूत होता है।

वट सावित्री व्रत पूजा समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 5 जून 2024 को शाम 07 बजकर 54 पर शुरू हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 6 जून यानी आज शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। इसके साथ ही वट सावित्री व्रत की पूजा सुबह 10 बजकर 36 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक के बीच होगी। ऐसे में समय का ध्यान रखते हुए पूजा करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।